कोरबा:छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी में उच्च न्यायालय ने पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में विगत दिसंबर 2019 को स्थगन आदेश दिया गया था. जिसके बाद से ही पदोन्नति के मामले में पेच फंसा हुआ है. पावर सेक्टर में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी सरकार पर आदेश की गलत व्याख्या कर आरक्षित वर्ग को प्रमोशन से वंचित करने का आरोप लगा रहे हैं. इसके लिए सरकार को ज्ञापन सौंपने के साथ ही कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं.
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी के कर्मचारियों ने सरकार पर लगाए आरोप कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों ने टीपी नगर तिलक भवन प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया है कि उच्च न्यायालय ने जनवरी 2020 के आदेश में भी स्पष्ट किया है. जिसके अनुसार आदेश की गलत व्याख्या कर कंपनी में विगत 1 साल से भी ज्यादा समय से ST(SCHEDULED TRIBES), SC(SCHEDULED CASTE) वर्ग से आने वाले वरिष्ठ लोक सेवकों को भी पदोन्नति से वंचित किया जा रहा है.
नहीं दिया गया नियमों पर ध्यान
साल 2020 शुरुआती छह महीनों में एसटी, एससी वर्ग के लोकसेवकों को वरिष्ठता सूची में उनकी वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए सामान्य वर्ग के कनिष्ठ लोक सेवकों को पदोन्नति दे दी गई है. लगातार न्यायालय के आदेशों की अवहेलना होती रही है. जब कर्मचारियों के संगठन ने इन बातों को विभिन्न मंत्रियों और मुख्यमंत्री के समक्ष रखा. तब छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी के उच्च अधिकारियों ने नियम के विरुद्ध लोकसेवकों को पदोन्नति पर रोक लगा दी है.
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नियमानुसार मिले प्रमोशन
संघ ने मांग की है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों का सही तरह से व्याख्या किया जाए. गलत व्याख्या कर अपात्र लोगों को प्रमोशन न दिया जाए. प्राथमिकता के आधार पर एसटी, एससी वर्ग से आने वाले लोकसेवकों को नियमों का पालन करते हुए शीघ्र ही प्रमोशन प्रदान किया जाए.