कोरबा: जिले की बदहाल सड़कों के बीच सिर्फ एक सड़क ऐसी है, जिसकी स्थिति ठीक है. वह है कटघोरा-अंबिकापुर हाईवे. लेकिन समस्या यह है कि इस सड़क पर पिछले ढाई साल में 104 लोगों की मौत हो चुकी है.
कटघोरा-अंबिकापुर हाईवे पर ढाई साल में 104 लोगों की मौत मौत का कराण वाहन की तेज रफ्तार को बताया जा रहा है. पिछले 6 महीने में इस सड़क पर हुए हादसों में 25 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इन हादसों को रोकने के लिए पुलिस ने कटघोरा अंबिकापुर में हाईवे पर 20 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं.
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर हादसों को रोकने के लिए सड़क में इन ब्लैक स्पॉट्स पर मोरगा से तानाखार के बीच विशेष इंतजाम किए जाएंगे. 20 चिन्हित स्पॉट्स पर जिग-जैक ब्रेकर लगाए जा रहे हैं. जिससे कुछ हद तक सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.
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रफ्तार की वजह से बढ़े हादसे
ज्यादातर सड़क हादसे रफ्तार की वजह से होते हैं. हाईवे होने के कारण ट्रक चालक हो या फिर सामान्य लोग सभी के वाहन की रफ्तार तेज ही रहती है और इसी वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं. बांगो थाना प्रभारी अनिल पटेल ने बताया कि डेंजर स्पॉट्स पर ब्रेकर लगाए जा रहे हैं. जिससे की रफ्तार में कमी आएगी. हाईवे पर ज्यादा रफ्तार ही दुर्घटनाओं के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है. पुलिस ने इस मार्ग पर स्पीड रडार भी लगाया था. SDOP ने बताया कि यह एक पुलिस का एक वाहन है. जिसके जरिए ओवर स्पीडिंग पर भी कार्रवाई हो रही थी, यह व्यवस्था भी लगातार जारी है.
अबतक किए गए उपाय नहीं दे सके परिणाम
हादसों को रोकने के लिए अंबिकापुर-कटघोरा हाईवे पर पहले में भी पुलिस ने कई इंतजाम किए हैं. जिसमें मवेशियों के सींग पर रेडियम लगाना, हादसों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संकेतक, स्लोगन मुख्य मार्ग पर लगाए गए थे. लेकिन इन सब का नतीजा कुछ भी नहीं निकला. इसके बाद अब पुलिस अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है.