कोरबा: जिले में लगातार (Korba Police) सवालों के घेरे में खाकी आती जा रही है. ऐसा इसलिए है कि यहां लगातार पुलिस महकमे में कार्यरत रक्षकों पर गंभी आरोप लगे हैं. कई मामलों में तो कार्रवाई भी हुई है. लेकिन कई मामलों में अब भी जांच जारी है. ताजा मामला उरगा थाने का है जहां एक सब इंस्पेक्टर आरएल डहरिया (Sub Inspector RL Dahria) पर एक शिक्षक (teacher) ने गंभीर आरोप लगाए हैं. दरअसल शिक्षक ने एसआई पर अपने बेटे को मर्डर के केस में फंसाने का डर दिखाकर 4 लाख रुपये घूस मांगने (demanding bribe of Rupees 4 lakh) का गंभीर आरोप लगाया है. इस संगीन आरोप पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसपी भोजराम पटेल (SP Bhojram Patel) ने आरोपी एसआई को लाइन अटैच कर दिया है और पूरे केस में जांच बिठा दी है. कोरबा सीएसपी योगेश साहू को इस पूरे केस के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किा गया है. इससे पहले भी कोरबा पुलिस महकमे में पदस्थ ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार (DSP Shivcharan Singh Parihar) पर ट्रक मालिकों से 500-500 रुपये मांगने के आरोप लगे थे. पुलिसकर्मियों पर आरोप की फेहरिस्त लंबी है. लेकिन अभी दो ताजा मामले हैं. जिसने पुलिस की नाक में दम कर दिया है.
केस नंबर 1- मौत केस में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत मांगने का आरोप
शिक्षका उत्तरा टंडन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले उसने अपनी बेटी की शादी की थी. इस शादी में उसके बेटे वैभव टण्डन का दोस्त विजय अग्रवाल भी मौजूद था. डीजे की धुन पर डांस करते-करते विजय की अचानक मृत्यु हो गई. इसके बाद से ही पुलिस उस मामले की जांच कर रही थी.घटना के बाद उरगा थाना के तात्कालिक एसआई राजेश तिवारी ने घटना में विवेचना किया था. तब मेरे पुत्र वैभव टंडन के साथ 8 लोगों का बयान दर्ज किया गया था. हमें किसी प्रकार से परेशान नहीं किया गया था.लेकिन अब घटना के पौने 2 वर्ष बाद उरगा थाने में नई पदस्थापना पाने वाले एसआई आरएल डहरिया ने दोबारा जांच एवं पूछताछ के नाम पर 21 अक्टूबर को शाम 5 बजे थाने में हमे बुलाया. मुझे, मेरे पुत्र वैभव भारती सहित अन्य 8 लोगों को बुलाकर 4 घंटे तक बैठाकर रखा गया. इस दौरान एसआई सभी को हत्या का आरोपी बनाए जाने की बात कहते रहे. मुझे कहा गया कि तुम्हारे बेटे पर 302 का केस बनता है वह जेल जाएगा.तुम कोर्ट कचहरी के चक्कर में बर्बाद हो जाओगे. इस तरह अलग-अलग दिन थाने में बुलाकर लगातार कई घंटे का बैठाया गया.