कोरबा:आत्मनिर्भर बनने के लिए घर से बिना बताए चले जाना एक किशोरी के लिए काफी महंगा पड़ गया. परिचित युवक ने काम दिलाने में उसकी मदद की लेकिन बदले में उसकी अस्मत लूट ली. आरोपी जेल भेज दिया गया है.
दरअसल थाना पाली में लड़की के पिता ने लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 17 साल की बेटी 11 जनवरी को सुबह करीब 11 बजे घर से स्कूल के लिए निकली लेकिन वापस घर नहीं लौटी. आसपास पूछताछ औक तलाश करने पर भी जब नाबालिग का पता नहीं चला तो पाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.
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सायबर सेल की मदद से मिली नाबालिग
नाबालिग की बरामदगी के लिए पाली थाना प्रभारी निरीक्षक लीलाधर राठौर ने सायबर सेल की मदद ली. परिजनों सहित नाबालिग के सहपाठियों से पूछताछ कर नाबालिग के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली गई. नंबरों की जांच कर बिलासपुर जिले के कोटा थाना व बेलगहना चौकी क्षेत्र के कई संदेहास्पद नम्बरों से संपर्क के आधार पर टीम भेजकर छापामार कार्रवाई की गई. इस दौरान नाबालिगको पिन्टू उर्फ हरि प्रताप यादव के साथ देखे जाने की जानकारी होने पर आरोपी को तलब कर पूछताछ की गई.
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भरोसे का फायदा उठाकर किया अनाचार
आरोपी ने बताया कि नाबालिग खुद के पैरों पर खड़ा होना चाहती थी. उसने काम के संबंध में चर्चा की थी. पिन्टू की निशानदेही पर किशोरी को कटघोरा क्षेत्र के एक बड़े प्रतिष्ठान से बरामद किया गया. जहां आरोपी पिन्टू ने उसे काम पर लगाया था. काम लगाने के बाद आरोपी ने पीड़ित नाबालिग को झांसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया और वापस अपने गांव चला गया.
पूछताछ में नाबालिग ने पूरी घटना की जानकारी दी. इस आधार पर आरोपी पिन्टू उर्फ हरि प्रताप यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी के खिलाफ धारा 376, 366(क), 34 भादवि व 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट के तहत कारर्वाई की गई. मामले में नाबालिग और आरोपी को लिफ्ट देने वाले एक अन्य को भी आरोपी बनाया गया है. दोनों युवकों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.