कोरबा :गरीबों के लिए पक्का मकान प्रदान करने वाली महत्वकांक्षी योजना कोरबा में केंद्र और राज्य सरकार के झगड़े में फंस गई है. इस कारण नगर पालिक निगम अंतर्गत आने वाली 5 से 6 स्लम बस्तियों के लोगों को विस्थापित कर एक सर्वसुविधायुक्त कॉलोनी में शिफ्ट करने की परिकल्पना अभी भी अधूरी ही है. निगम क्षेत्र के दादर में 130 करोड़ की लागत से 2784 पीएम आवास का निर्माण प्रक्रियाधीन है. इसका 75 फीसदी काम तो पूरा हो चुका है, लेकिन अब राशि नहीं मिलने से ठेकेदार ने काम बंद कर दिया है. इस कारण निर्धारित लक्ष्य के तहत जुलाई 2022 तक सबको आवास देने की परिकल्पना पूरी नहीं हो पाएगी.
करोड़ों की लागत से रिहायशी कॉलोनी का निर्माण
दादर में 130 करोड़ की लागत से पीएम आवास योजना के तहत एक बड़ी कॉलोनी का निर्माण हो रहा था. दूर से ही इसकी भव्यता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. किसी बिल्डर द्वारा निर्मित कॉलोनी की तर्ज पर ही यहां पीएम आवास का निर्माण शुरू हुआ था. दादर में कुल 2784 मकानों का निर्माण 3 मंजिली इमारतों में विभाजित किया गया था. इसमें कुल 56 ब्लॉक हैं. यहां बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण एक सर्वसुविधायुक्त कॉलोनी बनाने की परिकल्पना की गई थी. यह योजना जुलाई 2019 में शुरू हुई थी. स्लम बस्तियों के हितग्राहियों को जुलाई 2022 तक यहां शिफ्ट कर देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. अब पैसे नहीं मिल पाने के कारण यह योजना अटक गई है.
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9 फीसदी राशि नहीं मिली
दादर में निर्मित प्रत्येक मकान की लागत 4.5 लाख रुपये थे. इसमें राज्य और केंद्र दोनों का अंशदान शामिल था. राज्य और केंद्र के बीच सामंजस्य नहीं होने के कारण बात बन नहीं पाई और अंत में परियोजना की कुल लागत की 9 फीसदी राशि नगर निगम को मिल ही नहीं सकी. वर्तमान में दादर में निर्माणाधीन सभी मकानों के करीब 75 फीसदी का काम पूर्ण हो चुके हैं. इसके बाद अब काम पूरी तरह से बंद हो गया है.