कोरबा: कोरबा जिले में 5 साल बीत जाने के बाद भी नगर पंचायत छुरी के 15 वार्डों के लिए पेयजल की सुविधा नहीं हो सकी है. साल 2017 में छुरी में 24 घंटे पानी सप्लाई के लिए 10 करोड़ 89 लाख की लागत से जल आवर्धन योजना को स्वीकृति मिली थी. विभागों में आपसी सामंजस्य के अभाव और कई स्तर पर पेंच फंस जाने के कारण योजना आज भी अधर में लटकी हुई है. इतने सालों में यह लागत 10 से बढ़कर 14 करोड़ लाख हो चुकी (Drinking water problem in Korba Nagar Panchayat Chhuri) है.
ये है पूरी योजना: नगर पंचायत छुरी के 15 वार्डों में पेयजल संकट अभी बरकरार है. अब तक यहां भूमिगत जल स्त्रोत से जल प्रप्ति का काम किया जा रहा है. कई जल स्त्रोत वर्मी में सूख गए हैं, जिससे लोगों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ता है. जिसे देखते हुए वर्ष 2017 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 10 करोड़ 89 लाख रुपये की लागत से जल आवर्धन योजना पर काम शुरू हुआ है. कार्य शुरू होने के बाद 2 साल टेंडर प्रक्रिया में बीत गए...तीसरा साल जल स्त्रोत ढूंढने में खर्च हुआ. इसके बाद कोरोना के प्रकोप से काफी काम प्रभावित हुआ है. विभागों में आपसी सामंजस्य और लेट-लतीफी के कारण योजना अब भी धरातल पर पूरी नहीं हो सकी है. वर्तमान में योजना की लागत बढ़कर 14 करोड़ 68 लाख रुपये की हो गई है. विभाग की मानें तो पाइपलाइन के लिए पेच फंसा हुआ है.
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सीएसईबी से नहीं मिल रही अनुमति :अब तक नगर पंचायत छुरी द्वारा छोटे पैमाने पर जल प्रदाय किया जाता है. भूमिगत जल स्त्रोत से ही पेयजल की आपूर्ति हो रही है. बड़े स्तर पर बनाए गए जल आवर्धन योजना के तहत सरफेस वाटर से जल प्रदाय का कार्य किया जाना था, इसके लिए ओवरहेड टैंक बनकर तैयार है. पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है. टंकियों में पानी की सप्लाई नगर पालिक निगम कोरबा के कोहड़िया स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से किया जाना है. इसके लिए पाइपलाइन को लगभग 15 किलोमीटर दूर तक बिछाया जा चुका है, लेकिन 100 मीटर की पाइप लाइन सीएसईबी के राखड़ डैम तक राख पहुंचाने वाली पाइप लाइन के नीचे से गुजरते हुए छुरी तक पहुंचाए जाने की योजना है. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के अधिकारियों की मानें तो इसी पानी की पाइप लाइन को राख वाले पाइप लाइन के नीचे से ले जाने की अनुमति नहीं मिल रही है. फाइल 6 महीने से विद्युत विभाग के दफ्तर में पड़ी है, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा है. जिसकी वजह से जल आवर्धन योजना का काम रुका हुआ है.
फिलहाल 15 वार्डों में पुराने बोर से पानी सप्लाई : नगर पंचायत छुरी के 15 वार्डों में फिलहाल पानी की सप्लाई नल जल योजना के तहत पुराने बोर से हो रही है. लेकिन गर्मियों में यह बोर सूखने लगता है. जिससे पानी की किल्लत रहती है. जिसके कारण गर्मी में लोगों को परेशान होना पड़ता है.
अधिकारियों से कई बार की गई चर्चा:नगर पंचायत छुरी के अध्यक्ष पति अशोक देवांगन का कहना है कि छुरी में जल आवर्धन योजना की स्वीकृति पहली बार रमन सरकार के कार्यकाल में मिली थी. पहली बार जब जल आवर्धन योजना की चर्चा हुई थी, तब से लेकर अब तक 10 साल बीत चुके हैं. लेकिन अब तक अधिकारी इसे धरातल पर नहीं उतर पाए हैं. मैंने अधिकारियों से भी पत्राचार किया है. उनका कहना है कि फिलहाल राख वाले पाइप लाइन के नीचे से पानी के पाइप लाइन को लेकर जाना है. जिसकी अनुमति विद्युत विभाग से नहीं मिल रही है. जिसके कारण पूरा काम लटका हुआ है. हालांकि इसका काफी काम पूरा कर लिया गया है. लेकिन पानी सप्लाई अभी नहीं हो रही है. फिलहाल वैकल्पिक साधनों से जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन गर्मी में पेयजल के लिए छुरी में काफी समस्या होती है, जिससे लोग परेशान रहते हैं.
अनुमति के लिए 6 माह से इंतजार: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता अनिल बच्चन का कहना है कि छुरी में जल आवर्धन योजना का काम लगभग 90 फीसद तक पूरा कर लिया गया है. फिलहाल वहां भूजल स्त्रोत से पेयजल की आपूर्ति की जाती है, लेकिन जल आवर्धन योजना से जल प्रप्ति शुरू होने के बाद सरफेस वाटर का इस्तेमाल होगा. फिलहाल सीएसईबी के पास फाइल लंबित है. केवल 100 मीटर के पाइप लाइन का काम बचा है, जो कि राखड़ वाले पाइप लाइन के नीचे से होकर जाएगी. इसकी अनुमति नहीं मिल पाने की वजह से पूरा काम अधर में लटका हुआ है.