कोरबा :लॉकडाउन में फीस वसूली में निजी स्कूलों की मनमानी और आर्थिक शोषण के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर करते हुए पालकों ने पूर्व घोषणा अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी की संकेतात्मक शव यात्रा निकाली. सुनालिया चौक से रेलवे क्रासिंग उषा काम्प्लेक्स तक निकली शव यात्रा में व्यवस्था से नाराज पालक कोविड-19 के नियमों का पालन कर मास्क लगा कर शामिल हुए. परिणाम स्वरूप निजी स्कूल संघ कोरबा ने पालकों को राहत देते हुए ट्यूशन फीस में 30% छूट देने का ऐलान किया है.
DEO की सांकेतिक शव यात्रा कोरबा पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले दिनों एसोसिएशन के आह्वान पर अभिभावकों की ओर से एक दिन के लिए ऑनलाइन क्लास का बहिष्कार किया गया. माता-पिता स्कूल फीस वसूली की मनमानी और धमकियों से नाराज हैं. इसके आलावा शासन की गाइडलाइन के विपरीत मनमानी ट्यूशन फीस थोपे जाने से भी अभिभावक परेशान हैं. इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली विवादों के घेरे में हैं.
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12 महीनों का फीस वसूल किया गया
पालकों के साथ मिलकर ट्यूशन फीस तय करने के लिए शिक्षा विभाग ने 2014 में गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन कोरबा के अधिकांश स्कूल तय मापदंडों के विपरीत अपने स्कूल की फीस का अनुमोदन शासन से नहीं कराए हैं. 10 के बदले 12 महीनों का फीस वसूल की गई, जिसे छात्र-छात्राओं के परिजन स्कूल से वापस मांग रहे हैं.
ट्यूशन फीस में 30% छूट देने का ऐलान
शहर के प्रमुख सीबीएसई स्कूलों में 80 से 90% लोगों ने ऑनलाइन क्लास का बहिष्कार कर अपना आक्रोश जाहिर किया था. नूतन सिंह का कहना है कि निजी स्कूलों के खिलाफ जारी पालकों के आंदोलन के बीच निजी स्कूल संघ कोरबा में पालको को राहत देते हुए ट्यूशन फीस में 30% छूट देने का ऐलान किया है. सीजी बोर्ड से संबंधित स्कूल संचालकों के इस निर्णय का कोरबा पैरंट्स एसोसिएशन ने स्वागत किया है. सीबीएसई स्कूलों से भी मांग है कि वे अपनी हठधर्मिता एवं शोषण पर विराम लगाकर पालकों को राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाए. आंदोलन में जिलेभर से आए पालक शामिल हुए हैं.