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EXCLUSIVE: कुसमुंडा खदान के भीतर मलबे में दबा मजदूर, तलाश जारी

कुसमुंडा खदान के भीतर एक मजदूर दब गया है. जिसकी तलाश की जा रही है. पुलिस प्रशासन और SECL प्रबंधन की टीम मौके पर मौजूद है. वहीं मजदूरों का आरोप है कि SECL प्रबंधन की लापरवाही के कारण मजदूर खदान में दबा है. जबकि प्रबंधन इस बात से इंकार कर रहा है. फिलहाल खदान को मजदूरों ने बंद करा दिया है.

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Published : Jul 23, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 11:03 PM IST

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मलबे में दबकर मजदूर की मौत

कोरबा:कुसमुंडा खदान के भीतर हुए हादसे में एक मजदूर सुरेश दास मलवे में दब गया है. इसे लेकर मजदूर संघ में खासी नाराजगी देखी जा रही है. नाराज मजदूरों ने खदान के प्रति मोर्चा खोल दिया है. इतना ही नहीं हादसे के बाद संघ ने खदान को बंद करा दिया है. गुरुवार को पूरे दिन कुसमुंडा खदान से कोयले का उत्खनन बंद रहा. हादसे के 5 से 6 घंटे बाद प्रशासन और SECL प्रबंधन की टीम भी मौके पर पहुंची है, लेकिन सुरेश दास का अभी तक पता नहीं चला है.

कुसमुंडा खदान के भीतर मलबे में दबा मजदूर

पानी निकासी के लिए प्रबंधन ने नहीं किया है इंतजाम

खदान के भीतर बरसात के बाद लगातार पानी जमा हो रहा था. ऊपर से पानी आने की शिकायत बनी हुई थी, लेकिन SECL प्रबंधन ने पानी निकासी के लिए समय रहते ठीक से प्रबंध नहीं किया. मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन की लापरवाही की वजह से खदान के ऊपर सिरे से भारी मात्रा में पानी बहकर आया, जोकि मलबे को साथ लेकर बहाते हुए मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया. मौके पर मौजूद 4 में से 1 मजदूर मलबे और पानी के साथ खदान की तलहटी में समा गया.

कुसमुंडा खदान के तहलटी में समाया

प्रबंधन की लापरवाही ?

एसईसीएल सेफ्टी बोर्ड के सदस्य वीएम मनोहर का कहना है कि खदान के ऊपर से भारी मात्रा में पानी बहते हुए नीचे आया. मजदूर लोहे की गुमटी में मौजूद था, जिससे वह साथ में बह गया. इसमें प्रबंधन की लापरवाही अब तक नहीं दिख रही है. हालांकि हर पहलू की जांच की जा रही है, न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी.

खदान पूरी तरह से बंद

खदान में हुए इस हादसे के बाद कोयले का उत्खनन पूरी तरह से बंद है. कुसमुंडा खदान गुरुवार को पूरे दिन बंद रहा. कोयले का उत्पादन नहीं हो सका है. कोयला लदे ट्रेलर खदान के भीतर ही खड़े रहे, जिससे कुसमुंडा खदान से कोयला बाहर नहीं निकल सका.

कुसमुंडा खदान में दबा मजदूर

आंखों के सामने खदान में समा गया मजदूर
खदान में सुरेश दास के साथ मौके पर तीन और मजदूर काम कर रहे थे. इसमें से एक मजदूर ने बताया कि उसकी आंखों के सामने ही सुरेश दास खदान में समा गया. मजदूरों ने बताया कि बताया कि वह सभी सुबह 7 बजे काम शुरू करने पहुंचे थे. इसी बीच तेज बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद बारिश से बचने के लिए वे अपने साथियों के साथ लोहे की गुमटी में रुक गए, लेकिन बारिश इतनी तेज थी कि खदान के ऊपर से भारी मात्रा में पानी बहकर आने लगा, जिससे लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए गोमती से बाहर कूद गए, लेकिन सुरेश वहां से निकल नहीं पाया और वो देखते ही देखते खदान की तहलटी में समा गया.

सुरेश दास को खोजती पुलिस

सुरेश दास के 3 बच्चे हैं
हादसे में हताहत हुए मजदूर सुरेश दास कुसमुंडा खदान से लगे वार्ड क्रमांक 54, सर्वमंगला नगर का निवासी है, जोकि ठेका श्रमिक के तौर पर खदान में कार्यरत है. सुरेश दास के 3 छोटे-छोटे बच्चे हैं.

Last Updated : Jul 23, 2020, 11:03 PM IST

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