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कोरबा: डाक्टर्स की लापरवाही से बुजर्ग की हुई थी मौत, जांच के बाद कार्रवाई के आदेश - उच्चस्तरीय जांच के बाद कार्रवाई

बालाजी ट्रामा सेंटर अस्पताल में 2019 में राजकुमार नथानी की डॉक्टर्स की लापरवाही से मौत हो गई थी, जिसपर उच्च स्तरीय जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

Old man died due to negligence of doctors in korba
लापरवाही से बुजर्ग की हुई थी मौत

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Published : Feb 12, 2020, 11:39 PM IST

Updated : Feb 12, 2020, 11:53 PM IST

कोरबा:बालाजी ट्रामा सेंटर अस्पताल में पिता की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही साबित करने बेटा विगत 1 वर्ष से लड़ाई लड़ रहा है. जिला स्तर के अधिकारियों ने आरोपी अस्पताल, बालाजी ट्रामा सेंटर प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी थी. इसके बाद मामले की अपील उच्चाधिकारियों से की गई. जिसमें मरीज की मौत के लिए न सिर्फ अस्पताल प्रबंधन को दोषी पाया गया, बल्कि जिला स्तर पर की गई जांच को भी पूरी तरह से पलट दिया है.

जांच के बाद कार्रवाई के आदेश

मामला जनवरी 2019 की है, जिसमें बालको राजकुमार नथानी सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गए थे. जिन्हें उनके बेटे ने इलाज के लिए 1 जनवरी 2019 को बालाजी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद बेटा रितेश नथानी इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर शासन स्तर तक की थी.

शिकायत में बताया गया है कि पिता को भर्ती करते वक्त उन्होंने स्मार्ट कार्ड से इलाज करने का अनुरोध किया था, लेकिन इस बात का ध्यान नहीं दिया गया. बल्कि उनसे 80 हजार रुपये वसूल लिए गए. इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इतना ही नहीं चिकित्सक लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन करके तत्काल रायपुर चले गए, जिससे रितेश के पिता की मौत हो गई.

सीएमएचओ ने दी थी क्लीन चिट
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा बीबी बोर्डे टीम गठित की गई थी. इसमें बीएमओ कोरबा डॉक्टर दीपक राज, जिला नोडल अधिकारी डॉ. राजेश अग्रवाल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पद्माकर शिन्दे शामिल थे. इस टीम ने जांच में आयुष्मान योजना में लापरवाही की बात, तो स्वीकार की, लेकिन जांच रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन पर किसी भी तरह की लापरवाही बरतने का उल्लेख नहीं किया. इससे टीम ने बालाजी ट्रामा सेंटर अस्पताल प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी थी.

उच्च स्तरीय जांच के बाद कार्रवाई के लिए पत्र
रितेश लगातार इस मामले को लेकर शिकायत कर रहे थे. इसके बाद संभागीय आयुक्त और संचालक स्वास्थ्य सेवा ने मामले की जांच की. जिसमें प्रदीप कुमार त्रिपाठी को लापरवाही करना पाया गया है. जांच में पाया गया कि परिजनों को बिना जानकारी दिए ही ऑपरेशन कर दिया गया था. इतना ही नहीं मृत्यु के 25 मिनट पहले ही स्मार्ट कार्ड भी लॉक कर दिया गया था. जिसकी रिपोर्ट सीएमएचओ को सौंप दिया गया है.

लाइसेंस कैंसिल करने की मांग
पीड़ित रितेश ने संयुक्त संचालक और उपसंचालक को लिखे पत्र की प्रति संलग्न कर एक और पत्र कलेक्टर कोरबा को लिखा है. जिसमें उन्होंने जनहित का कार्य न करके मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने के आरोप में लाइसेंस कैंसिल करने की मांग की है.

Last Updated : Feb 12, 2020, 11:53 PM IST

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