कोरबा:होली के रंग में इस बार भंग बनाने का काम रूस और यूक्रेन युद्ध ने किया है. होली से पहले तेल की कीमत में इजाफा से आम लोग काफी परेशान हैं. वहीं, होली से पहले तेल की कीमत में अचानक काफी वृद्धि हुई है, जो कि होली के मजा का किरकिरा करने का काम कर रहा है. आलम यह है कि घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेल के दाम 200 रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच गया है. दुकानदारों व थोक व्यवसायी इसे रशिया-यूक्रेन युद्ध का भी साइड इफेक्ट बता रहे हैं... तो कुछ लोगों ने माहौल बनाकर जानबूझ कर तेल के दाम बढ़ाए जाने का आरोप भी लगाया है.
हफ्ते भर में बढ़े दाम
घर की रसोई में आमतौर पर राशन की दुकान में बिकने वाले का रिफाइन और सरसो के तेल से ही भोजन पकाया जाता है.सरसो तेल से खाना पकाया जाता है, जबकि डीप फ्राई किए जाने वाले पकवानों मे रिफाइंड तेल का इस्तेमाल होता है.वर्तमान परिवेश में दोनों ही तेलों के दाम में 30 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है. खासतौर पर खुदरा दुकानदार व आम लोग परेशान हैं.जबकि थोक व्यवसायी इन दामों के ऊपर से ही वृद्धि होने का नतीजा बता रहे हैं.
180 से 200 के बीच पहुंचा सरसों तेल
सरसो तेल का उपयोग रसोई में सर्वाधिक होता है. सामान्य तौर पर 1 लीटर का पैकेट सबसे ज्यादा प्रचलन में है. सरसों तेल के 1 लीटर वाले बोतल के दाम लगभग सप्ताह भर पहले काफी कम थे. जो कि अब बढ़कर 180 से 190 प्रति लीटर हो चुका है. रिफाइंड तेल के दाम में भी 30 रुपया प्रति लीटर की दर से वृद्धि हुई है. रिफाइंड तेल के एक लीटर का पैकेट वर्तमाम में 170 रुपये प्रति लीटर है.
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