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REALITY CHECK: कोरोना का खतरा बढ़ा और लोग हुए बेपरवाह

छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों में कोरोना केस लगातार बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र के कुछ जिलों में लॉकडाउन की सुगबुगाहट है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी कोरोना का खतरा बढ़ गया है. ETV भारत ने कोरबा के व्यस्ततम इलाकों का जायजा लिया. यह जानने का प्रयास किया कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच लोगों में कितनी जागरूकता है?

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Published : Feb 23, 2021, 10:44 PM IST

NEGLIGENCE OF PEOPLE REGARDING CORONA
कोरोना का खतरा बढ़ा और लोग हुए बेपरवाह

कोरबा: कोरोना की तीसरे स्ट्रेन की शुरुआत हो चुकी है. महाराष्ट्र के कुछ जिलों में लॉकडाउन की सुगबुगाहट है. महाराष्ट्र की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ में भी खतरा बढ़ गया है. ऐसे में ETV भारत ने कोरबा के व्यस्ततम इलाकों का जायजा लिया. यह जानने का प्रयास किया कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच लोगों में कितनी जागरूकता है? वह कोरोना प्रोटोकॉल का किस तरह पालन कर रहे हैं?

कोरोना का खतरा बढ़ा और लोग हुए बेपरवाह

ETV भारत की टीम ने निहारिका क्षेत्र के सबसे व्यस्ततम सप्ताहिक सब्जी मार्केट बुधवारी बाजार का जायजा लिया. यहां लोग लापरवाही पूर्वक घूमते हुए दिखे. सब्जी विक्रेता बिना मास्क और सैनिटाइजर के दुकानों में बैठे हुए थे. सब्जी खरीदने पहुंचे लोग भी बिना मास्क लगाए हुए दिखे. हालांकि, कुछ लोगों ने माइक और कैमरा देखते ही सैनिटाइजर और मास्क निकालकर सामने ले आये, लेकिन ज्यादातर लोग लापरवाही बरतते हुए दिखे.

रायपुर: ना मास्क, ना सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत में लोगों में दहशत थी. लोग घर की दहलीज पार करने से भी घबराने लगे थे, लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है. हाट बाजारों में भी लोग बिना मास्क के यहां-वहां घूम रहे हैं. छोटे दुकान और सब्जी वाले भी सैनिटाइजर का उपयोग नहीं कर रहे हैं. निकाय की ओर से भी अब उस तरह सैनिटाइजर का छिड़काव नहीं किया जा रहा है, जैसा कि पहले के दिनों में हो रहा था. ऐसी परिस्थितियों में कोरोना संक्रमण का फैलाव होता है, तो यह लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है.

सब्जी लेने आ रहे लोग नहीं कर रहे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन

सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि ज्यादातर लोग जो सब्जी लेने पहुंच रहे हैं. वह बिना मास्क के ही चले आते हैं. रोजी-रोटी के कारण सब्जी विक्रेता उन्हें सब्जी बेचते भी हैं, लेकिन कोरोना का डर तो बना ही हुआ है. सब्जी विक्रेताओं की मजबूरी यह भी है कि उन्हें रोजी-रोटी के लिए व्यवसाय भी करना जरूरी है.

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