कोरबा: लॉकडाउन में स्कूल के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र लंबे समय से बंद हैं. (Anganwadi center closed in lockdown ) कोरोना संक्रमण से बिगड़े हालातों को देखते हुए छात्रों और नौनिहालों का स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. ऐसे में लॉकडाउन में इन्हें मिलने वाला मध्याह्न भोजन और पूरक पोषण आहार पर भी ग्रहण लग गया है. हालांकि महिला एवं बाल विकास का दावा है कि लॉकडाउन में भी पूरक पोषण आहार वितरित किया जा रहा था. जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो फरवरी के बाद से मध्याह्न भोजन के बदले बांटे जाने वाला सूखा राशन वितरण बंद है. (Dry ration not distributed) दोनों ही विभागों की ओर से संचालित इन योजनाओं के जरिए कुपोषण को नियंत्रण करने में काफी सहायता मिलती है. लेकिन इन योजनाओं पर ग्रहण लगने से नौनिहाल कुपोषण की तरफ बढ़ सकते हैं. (Malnutrition rate increased)
बच्चों के कुपोषण दर जिले में 16%
विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार फिलहाल जिले में बच्चों की कुपोषण दर 16.10% है. यह आंकड़े कुछ साल पहले तक और भी अधिक थे. 2018-19 में जिले में कुपोषण दर 22.42 फीसदी था. कुपोषित बच्चों की संख्या 21 हजार 108 थी. 2020 के बाद घटकर 15 हजार 573 दर्ज की गई है. जिसे सालों की मेहनत और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद विभाग ने हासिल किया था. लॉकडाउन में खासतौर पर निचले तबके के बच्चों में कुपोषण की स्थिति रहती है. जिसके कारण ही सरकार इन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार तो प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन (midday meal ) प्रदान करती है.
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स्कूलों में फरवरी के बाद से नहीं बंटा सूखा राशन
सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक शाला में बच्चों को मध्याह्न भोजन के तौर पर एक समय का गर्म भोजन प्रदान किया जाता है. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में योजना निचले तबके के छात्रों को शिक्षा से जोड़ने के लिए शुरू की गई थी. जिसके बाद से या लगातार सभी राज्यों में चल रही है. जिले के 219 स्कूलों में इसका क्रियान्वयन होता है. लॉकडाउन में जब स्कूल बंद हो गया है तब पिछले वर्ष सरकार ने घर-घर प्रत्येक छात्र के हिसाब से सूखा राशन प्रदाय करने की योजना बनाई. लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान सुखा राशन की स्थिति भी संतोषप्रद नहीं है. सभी विभाग के अधिकारियों के माने तो असमंजस वाली स्थिति है. शहर के स्कूलों में विगत फरवरी के बाद से ही सूखा राशन वितरित नहीं किया गया है. कहीं -कहीं पर सुखा राशन बांटने के लिए सूचना है.