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बत्ती गुल मीटर चालू...लॉकडाउन में नहीं की रीडिंग, रोजाना 7 घंटे पावर कट फिर भी 6 गुणा आ रहा बिजली बिल

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण विभाग के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना है कि कोरोना का बहाना बनाकर बिजली विभाग एवरेज बिल भेजता रहा. अब एक साथ चार महीने का बिल एक साथ भेज दिया गया है. अभी भी हर माह मीटर रीडिंग नहीं की जा रही है. इससे लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

Consumers reached the departmental office to deposit the bill
विभागीय कार्यालय में बिल जमा करने पहुंचे उपभोक्ता

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Published : Oct 19, 2021, 6:46 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 7:51 PM IST

कोरबा : छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण विभाग (Chhattisgarh State Electricity Distribution Department) अपनी कारगुजारियों के लिए आयेदिन सुर्खियों में रहता है. लॉकडाउन (Lockdown) का बहाना बनाकर विभाग ने 4 महीने तक लोगों को भारी भरकम एवरेज बिल (Huge Average Bill ) भेजा गया. सैकड़ों में आने वाला बिजली बिल (Electricity Bill) अब हजारों में पहुंच गया है. अब जबकि परिस्थितियां सामान्य हो चुकी हैं, फिर भी विद्युत वितरण विभाग लोगों के घर जाकर मीटर रीडिंग नहीं कर रहा है. जबकि बिजली उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिना मीटर रीडिंग के ही बिजली विभाग उन्हें अनाप-शनाप बिल भेज रहा है. इतना ही नहीं इस बिल को सुधरवाने में भी लोगों को कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है.



शहर में 50 हजार उपभोक्ता

कोरबा शहर में तुलसीनगर, पड़ीमार और दर्री को मिलाकर कुल 3 जोन हैं. शहर को 3 जोन में विभाजित कर विद्युत विभाग उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया कराता है. इन तीनों जोन को मिलाकर विभाग के पास 50 हजार उपभोक्ता हैं. पड़ीमार के बालको, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सहित तुलसीनगर के पंप हाउस, दर्री में साडा कॉलोनी, दर्री और जेलगांव सहित सभी इलाकों में मीटर रीडिंग और स्पॉट बिलिंग का काम पूरी तरह ठप है. बता दें कि कुछ समय पहले विद्युत वितरण विभाग ने मीटर शिफ्ट कर लोगों के घरों के बाहर मीटर लगाया. मंशा यह थी कि मीटर रीडिंग में संलग्न कर्मचारी बाहर से ही मीटर रीडिंग कर स्पॉट बिलिंग का काम पूरा करेंगे. इससे त्रुटिपूर्ण बिजली बिल में कमी आएगी और लोगों को सही बिल मिलेगा. लेकिन विभाग का यह उद्देश्य भी पूरा नहीं हो सका है. मीटर शिफ्टिंग कर इसे घर के बाहर तो लगा दिया गया, लेकिन विभाग अब भी लोगों को मीटर की सही रीडिंग के अनुसार त्रुटिरहित बिल देने में नाकाम है.

भारी भरकम बिजली बिल से उपभोक्ता परेशान

गलत बिजली बिल सुधारवाना भी नहीं है आसान

एक बार यदि विद्युत वितरण विभाग से किसी भी उपभोक्ता का गलत बिजली बिल जेनेरेट हो गया हो तो, इसमें सुधार के लिए विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं. बिल सुधारवाने के लिए पहले ही लंबी कतारें लगी होती हैं. घंटों इंतजार कर बिजली बिल सुधारवाना पड़ता है. खास तौर पर स्लम बस्ती से आने वाले लोग अपना काम छोड़कर विभाग के कार्यालय पहुंचते हैं और लंबी कतारों में घंटों खड़े रहने के बाद ही किसी तरह बिल सुधारवा पाते हैं. लोगों में विद्युत विभाग की इस कार्यशैली से आक्रोश है. सही बिल नहीं देने के साथ ही बिजली बिल सुधारने की जटिल प्रक्रिया से भी लोग बेहद परेशान हैं.

केस-1 :-घर में मीटर चालू, ऑफिस में बताया गया बंद है मीटर बिल पटाती रहो...

दर्री के लाटा में रहने वाली राधाबाई ने बताया कि उन्हें करीब 1200 रुपये का बिजली बिल दिया गया है. घर का मीटर चालू है, लेकिन जब वह विभाग के कार्यालय पहुंची तो बताया गया कि उनका मीटर बंद है. उन्हें बिजली बिल पटाते रहने को कहा गया. राधा बाई का कहना है कि घर में मीटर चालू है और यहां आने पर बताया जाता है कि मीटर बंद कर दिया गया है. बिजली बिल भी अनाप-शनाप आ रहा है, लेकिन इसमें सुधार करने के बजाय कर्मचारी कह रहे हैं कि मीटर ही बंद है. पहले जो बिजली बिल 200 से 300 के बीच आता था, अब वह 12 से 1500 के बीच आता है. इससे परेशान हूं.

केस-2 :-छह माह का इकट्ठा बिल आया 19 हजार, भुगतान के बाद फिर भारी-भरकम बकाया...

शहर के ढोढ़ीपारा निवासी विजेंद्र कुमार कश्यप का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान इकट्ठे 6 माह का बिल 19 हजार रुपये भेज दिया गया. कुछ दिन पहले ही इसे चुकता किया है. अब फिर से बिजली विभाग ने भारी-भरकम बिल भेज दिया है. हर महीना न तो मीटर रीडिंग हो रही है न ही बिल आता है. 2 से 3 महीने में एक बार बिजली बिल भेज रहे हैं. इससे हमें बिजली बिल हाफ योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. दिन में 6 से 7 घंटे बत्ती गुल रहती है. बावजूद इसके भारी-भरकम बिल, वह भी त्रुटिपूर्ण भेजा जाता है.

केस-3 :-बंद मकान का भी आया 25 हजार का बिल

शहर के पड़ीमार जोन निवासी आर शर्मा ने बताया कि मैंने यह मकान किराए पर दिया था. उस समय बिजली बिल डेढ़ सौ रुपये आता था. अब 6 महीने से मकान खाली है. बावजूद इसके 25 हजार रुपये का बिल मुझे भेज दिया गया है. इसका मुख्य कारण यह है कि समय पर मीटर रीडिंग नहीं लिया जाना है. यदि समय पर रीडिंग ली गई होती तो यह नौबत ही उत्पन्न नहीं होती.

बिजली कटौती से भी लोग परेशान

अनाप-शनाप बिजली बिल की समस्या के साथ ही लोग बिजली की कटौती से भी परेशान हैं. लोगों में इस बात से भी ज्यादा आक्रोश है कि जिस ऊर्जाधानी की बदौलत पूरा राज्य रोशन होता है. वहीं निर्बाध बिजली की व्यवस्था नहीं है. कई इलाकों में दिन में 5 से 6 घंटे बत्ती गुल रहना अब तो आम बात हो गई है.

Last Updated : Oct 19, 2021, 7:51 PM IST

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