कोरबा: 2021 को अलविदा कहने का वक्त आ गया है. कुछ ही दिन नया साल 2022 आने वाला है. इस नये साल के आने की खुशी में सभी लोग अपने अपने स्तर पर पार्टी की तैयारी कर रहे हैं. नए साल को लेकर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाने की तैयारी चल रही है. कोरबा में अभी से जश्न जैसा माहौल है. वहीं पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट है. जबकि कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन (New variant Omicron likely in Korba) के आने से प्रशासन सतर्कता बरतने की बात कह रहा है.
दुर्लभ ऊदबिलाव
17 जून को हसदेव नदी के (Hasdeo River) पास जाल में फंसा एक दुर्लभ उदबिलाव मिला था. उत्तरी भारत के ठंडे शेत्र में पाए जाने वाले ऊदबिलाव के कोरबा में मिलने से वन विभाग बेहद उत्साहित था. इसे कुछ स्थानीय लोग निहारिका क्षेत्र के एक दुकान में लेकर आए थे. जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ. वन विभाग ने ऊदबिलाव (Beaver) को सुरक्षा में ले लिया है और अब उसकी देखभाल वन विभाग कर रहा है.
राजस्व मंत्री को मिली बिलासपुर की कमान
राजनैतिक गलियारों में रसूख और राजनीति को लेकर भी 2021 उथल-पुथल भरा रहा. इस बीच अब तक नक्सल प्रभावित जिलों का प्रभार संभाल रहे मंत्री जयसिंह को बिलासपुर जैसे प्रमुख जिले का प्रभारी मंत्री बना दिया गया है. 20 जून को राज्य सरकार ने इसकी घोषणा की. जिसमें मंत्री जयसिंह अग्रवाल (Minister Jaisingh Agarwal) का कद बढ़ा है. जयसिंह को डॉ. चरणदास महंत के गृह जिले जांजगीर चांपा का भी प्रभारी मंत्री बनाया गया है.
अध्यक्ष पति और विपक्षी नेता के गुटों में चले लात घूसे
25 जून को दीपका नगर पालिका परिषद (Deepka Municipal Council) में ठेकेदारी से जुड़े एक टेंडर का विवाद, इस कदर बढ़ गया कि नगर पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान के पति और विपक्ष के भाजपा नेता अनूप यादव के गुटों के बीच जमकर लात घूसे चले. अध्यक्ष पति ने कहा कि अनूप गुंडागर्दी करते हैं. जबकि विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने के लिए बिहार से गुंडे बुलाए गए थे. मामले ने खूब तूल पकड़ा. शिकायत एसपी तक पहुंची.
600 रुपये लेकर लगा रहे थे कोरोना के टीके
कोरोना संक्रमण के बीच कोरबा में टीकों की किल्लत थी. तभी 4 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा स्कैम उजागर होता है. विभाग थर्ड वेव की तैयारी में लगा हुआ था. पीएचसी कोरबा में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक मखीजा पावर हाउस रोड स्थित अपने निजी क्लीनिक में 600 रुपये प्रति डोज लेकर लोगों को कोरोना टीके लगा रहे थे. किसी भी निजी अस्पताल को कोरोना टीके लगाने की अनुमति नहीं मिली थी. इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. मखीजा का कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर दिया. बाद में जांच हुई लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पर आंच नहीं आई.
कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष पर ढाई लाख रुपए की ठगी का आरोप
कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष प्रदीप पुराने (District President Pradeep Purane) पर भादरापारा के एक युवक ने कलेक्टोरेट में नौकरी लगाने के नाम पर 2 लाख 40 हजार रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया और इसकी शिकायत बालको थाने में की. हालांकि इस मामले में प्रदीप पुराने ने बताया कि उन्होंने किसी से भी पैसे नहीं लिए और शिकायत झूठी थी, तो बालको पुलिस ने जांच की बात कही थी.
गेवरा और दीपका खदानों में पहुंची सीबीआई टीम
एशिया की सबसे बड़ी खुली कोयला खदान गेवरा में संचालित है. गेवरा और दीपका एसईसीएल के दो बड़े मेगा प्रोजेक्ट हैं. यहां गड़बड़ी की शिकायत पर सीबीआई की टीम जांच करने पहुंची. 11 जुलाई को पहुंची टीम ने 2 दिनों तक जांच की. जानकारी यह भी थी कि कॉल स्टॉक की जांच की जा रही है. एसईसीएल के अफसरों ने इसे रूटीन दौरा बताया. लेकिन जांच में क्या हुआ यह तथ्य आज तक सामने नहीं आया है.
सतरेंगा में हेलीकॉप्टर सेवा की घोषणा
कोरबा के पर्यटन स्थल सतरेंगा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन केंद्र के तौर पर डेवेलप करने की घोषणा राज्य सरकार ने की है. पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने यह घोषणा की, कि यहां सुविधाओं का विस्तार होगा. जानकारी यह भी है कि निजी कंपनी ने हेलीकॉप्टर सेवा की सहमति भी दे दी है. कोरबा के लिए यह एक बड़ी सौगात है. रायपुर से कोरबा की दूरी 220 किलोमीटर है. लंबी दूरी और सड़क के सफर के कारण विदेशी पर्यटक यहां नहीं आ पाते. हवाई सेवा शुरू हुई तो अन्य राज्यों के पर्यटकों को भी सतरेंगा तक पहुंचने का एक विकल्प मिलेगा.
बिजली बिल ने उपभोक्ताओं को रुलाया
कोरोना संक्रमण काल के दौरान बिजली विभाग ने मीटर रीडिंग बंद कर दिया. अगस्त में परिस्थितियां सामान्य हुई तो 4 महीने का एवरेज बिल भेजा गया. जहां 200 रुपये का बिला आता था. उस उपभोक्ता को भी 2000 का बिजली बिल थमाया गया. कुछ उपभोक्ता तो ऐसे थे जिन्हें 50,000 रुपये से अधिक का बिजली बिल थमाया गया. बिजली विभाग का बकाया 200 करोड़ पहुंच गया. छत्तीसगढ़ में यह सर्वाधिक है. बिजली बिल में त्रुटियों को लेकर उपभोक्ता साल भर परेशान रहे. यह साल इसलिए भी याद रखा जाएगा.
अजगर बहार और बरपाली को बनाया गया तहसील
राजस्व मामलों के शीघ्र निराकरण के मामले में राज्य शासन ने कोरबा जिले को एक और सौगात दी. अजगरबहार और बरपाली जैसे स्थानों को कोरबा तहसील से अलग कर पृथक तहसील बनाया. दोनों तहसीलों में 126 गांवों को शामिल किया गया है. राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे के लिए अब इन इलाकों के ग्रामीणों को मुख्यालय तक का सफर नहीं तय करना पड़ेगा. अजगरबहार तहसील क्षेत्र की दूरी कोरबा मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर है जबकि बरपाली भी 40 किलोमीटर दूर है.
बरहाझरिया और हाथामाड़ा संरक्षित स्थल घोषित
पुरातत्व की दृष्टि से भी कोरबा की पहचान 2021 में और प्रखर हुई है. राज्य के पुरातत्व विभाग की ओर से जिले के बरहाझरिया और हाथाहाड़ा को राज्य संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है. यहां आदिमानव काल के शैलाश्रय मिले हैं. इन दोनों स्थानों के 300 मीटर की परिधि को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है. जिसके बाद जिले में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. कबीर पंथियों की साधना समाधि, पाली का प्राचीन शिव मंदिर, तुमान का प्राचीन शिव मंदिर और चैतुरगढ़ किला पहले ही संरक्षित स्थल हैं.
हरदेव बराज का समानांतर पुल अब भी अधूरा
साल 2021 को कोरबा में सड़कों के बदहाली के लिए याद किया जाएगा. अगस्त समाप्त होने के बाद भी हसदेव बराज के समानांतर बन रहा फूल अधूरा है. वर्तमान में हसदेव बराज से ही भारी वाहनों आवागमन करते हैं. जिसकी क्षमता 30 टन है. जिस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई आंदोलन भी हुए, लेकिन इस पुल पर रोड का काम पूरा नहीं हो सका. क्षमता से वजनी वाहनों के आवागमन के लिए आंदोलन के बाद कलेक्टर ने वाहनों पर प्रतिबंध लगाया. लेकिन दो दिन बाद ही यह आदेश वापस ले लिया गया. अब 50 साल पुराने पुल पर पहले से भी अधिक दबाव है जबकि समानांतर पुल 5 साल से अधूरा है.
सड़क निर्माण की घोषणा
सड़कों की बदहाली दूर करने के लिए कुछ घोषणाएं भी हुई है. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर से पंतोरा होते हुए उरगा धरमजयगढ़ तक बनने वाली फोरलेन सड़क की प्रक्रिया 4 साल बाद 2021 में फिर से शुरू हो गई है. पहले चरण में बिलासपुर से उरगा तक 70 किलोमीटर सड़क, 1500 करोड रुपए में बनेगी. जबकि दूसरे चरण में उरगा से पत्थलगांव, कुनकुरी तक 105 किलोमीटर की सड़क 1275 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी. इसमें 87 किलोमीटर का हिस्सा कोरबा में आएगा. यह कोरबा के लिए एक बड़ी सौगात होगी. काम अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन 4 साल बाद इस सड़क को सितंबर 2021 में मंजूरी जरूर मिली है.
तीसरी लहर से लड़ाई के लिए दो ऑक्सीजन प्लांट
दूसरी लहर में ऑक्सीजन का महत्व समझ आने के बाद अब कोरबा में भी दो स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगा दिया गया है. जहां से ऑक्सीजन का उत्पादन भी शुरू हो चुका है. कोरबा जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हो चुकी है. तीसरी लहर आई तो लोगों को जिले में ऑक्सीजन की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा.