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कोरबा: PPE किट पहनकर मेडिकल स्टाफ ने कोरोना मरीजों को बांधी राखी

कोरबा के कोविड अस्पताल में अलग ही तस्वीर देखने को मिली. कोरोना मरीजों की देखभाल करने वाली महिला मेडिकल स्टाफ की नर्सों ने पीपीई (PPE) किट पहनकर अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को राखी बांधी.

Medical staff tied rakhi
महिला स्टाफ ने बांधी राखी

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Published : Aug 3, 2020, 8:58 PM IST

कोरबा: शहर में संचालित विशेष कोविड अस्पताल में 40 कोरोना मरीज हैं. अब कोरोना का डर ऐसा है कि कोई इनके पास जाना तो दूर, उस मोहाली तक में कदम नहीं रखना चाहता. ऐसे में रक्षाबंधन के खास मौके पर कोरोना मरीजों को कोविड अस्पताल की नर्सेज ने इन मरिजों की कलाई पर राखी बांधकर बहन का फर्ज निभाया.

मेडिकल स्टाफ ने बांधी राखी

कोरोना मरीजों की देखभाल करने वाली महिला मेडिकल स्टाफ की नर्सें पीपीई (PPE) किट पहनकर हाथों में राखी, मिठाई की थाली सजाकर वार्ड में पहुंचीं. सभी नर्सों ने अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कलाइयों पर राखी बांधी और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया. नर्सों ने ईश्वर से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की.

राखी बांधती महिला स्टाफ

स्टाफ ने भांप ली मरीजों की भावना

अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कोरबा, जांजगीर-चांपा और गोरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के 44 मरीज अस्पताल प्रबंधन की इस भावनात्मक पहल पर भावुक हो गए. इस दौरान अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर प्रिंस जैन भी मौजूद रहे. कोविड अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने बताया कि सभी ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से बातचीत के दौरान ही इस रक्षाबंधन पर अपने घर नहीं जा पाने और बहनों से राखियां नहीं बंधवा पाने के दर्द को पहले ही भांप लिया था. मरीजों की भावनाओं और इस पर्व पर बहनों को बहुत मिस करने की बात जानकर कोविड अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर प्रिंस जैन ने अस्पताल में ही रक्षाबंधन मनाकर भर्ती मरीजों को कोरोना के इस संक्रमण काल में सरप्राइज देने की योजना बनाई.

महिला स्टाफ ने सजाई थाली

रक्षाबंधन विशेष: कला और कोशिश ने दिखाई नई राह, दिव्यांगता को नहीं बनने दिया अभिशाप

मरीजों ने सुनाए किस्से

रक्षाबंधन के एक दिन पहले ही अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू कर दी थी. सिस्टर ग्लोरिया, सिस्टर ज्योति ने बताया कि शाम को ही सभी मरीजों के लिए राखियां और मिठाइयां अस्पताल पहुंच गई थी. सुबह जब डॉक्टर मरीजों की जांच के लिए राउंड पर थे, तब वे सभी पीपीई किट पहनकर थालियों में राखियां और मिठाई सजाकर वार्ड में पहुंचीं. उन्हें देखकर मरीजों के चेहरे पर खुशी आ गई. सभी ने खुशी -खुशी अपनी कलाइयां आगे कर नर्सों से राखियां बंधवाईं. अपनी बहनों को याद किया और रक्षाबंधन पर बहनों के साथ घर पर होने वाली नोक-झोंक के किस्से सुनाए.

महिला स्टाफ

'भावनात्मक और मानसिक रूप से भी इलाज की जरूरत'

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर चांपा और कोरबा जिले के 44 मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन की इस पहल पर बताया कि रक्षाबंधन के दिन अस्पताल में उन्हें विपरीत परिस्थितियों में अपनेपन का अहसास हुआ. इस बारे में अस्पताल के प्रभारी डॉ. प्रिंस जैन ने बताया कि परिवार से अलग रह कर कोरोना का उपचार करा रहे मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ भावनात्मक और मानसिक रूप से भी इलाज की जरूरत होती है. रक्षाबंधन मनाने का यह अवसर मरीजों की इस जरूरत को पूरा करता है. इससे यहां के सभी मरीजों के चेहरे खिल गए हैं.

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