बस्तर: छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. कुछ सालों से नक्सलवाद से सबसे ज्यादा नुकसान क्षेत्र के ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. नक्सलियों द्वारा जारी बुकलेट (Maoist booklet death toll of Naxalites killed) में खुद नक्सलियों ने बीते 5 सालों में 409 ग्रामीणों की हत्या मुखबिरी की शक में करने की बात स्वीकारी है. यही नहीं बीते साल में नक्सलियों को भी काफी बड़ा नुकसान हुआ है. इस एक साल में उनके 132 साथियों की मौत हुई है, जिसमें मुठभेड़ और बीमारियों से भी हुए मौत के आंकड़े शामिल हैं. bastar latest news
बस्तर: नक्सलियों का साल भर में 132 साथियों की मौत का दावा - बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहा
bastar latest news नक्सलियों ने अपनी सैन्य संगठन PLGA की 22वीं वर्षगांठ 2 से 8 दिसंबर तक मनाने का एलान किया है. उससे पहले नक्सलियों ने अपनी एक बुकलेट जारी किया है. इस बुकलेट में नक्सलियों ने अपने नफा नुकसान और जवानों को पहुंचाये नुकसान के साथ आम ग्रामीणों की हत्या का भी आंकड़ा जारी किया है.
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बीते साल नक्सलियों को हुआ भारी नुकसान: कुल 132 नक्सलियों की मुठभेड़ और गंभीर बीमारी से मौत हुई है. छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ों में सबसे ज्यादा कुल 89 नक्सली मारे गए हैं. बीते 5 सालों में नक्सलियों ने 1300 हमले, 300 से ज्यादा आगजनी और 400 से ज्यादा जवानों की हत्या करने का दावा किया है. यह सभी जानकारी नक्सलियों ने अपने द्वारा जारी बुकलेट में दी है. नक्सलियों ने इस बुकलेट को हिंदी, गोंडी और तेलुगु भाषा में जारी किया है.
"बस्तर में नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहे":बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि "दुनियाभर के आतंकवादी संगठन जब बैकफुट पर आते हैं, तो निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं. बस्तर में भी यही हो रहा है. नक्सली अपने लगातार कमजोर पड़ते संगठन से पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं और निर्दोष ग्रामीणों की मुखबिरी के शक में हत्या कर रहे हैं. लेकिन वह दिन दूर नहीं है, जब पूरी तरह से नक्सलियों का खात्मा हो जाएगा. स्थानीय नक्सली भी नक्सली संगठन के खोखले विचारधारा को समझ चुके हैं और इस वजह से लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं. नक्सलियों का जीवन अंधकार मय हो गया है और जल्द ही इनका पतन भी होने वाला है."