कोरबा: कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. केंद्र सरकार ने रेस्टॉरेंट और होटल्स के बाद मॉल्स के संचालन की भी अनुमति दे दी है, लेकिन लोग अब भी घरों से बाहर आकर खुलकर खरीदारी नहीं कर रहे हैं. जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन से उबरना आसान नहीं होगा. सामान्य परिस्थितियों में आने में एक से 2 साल तक का समय लग सकता है, वो भी तब जब कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रित हो जाए. ऐसे में ETV भारत ने उन उपायों को जानने की कोशिश की, जिनसे मंदी से उबरने में सहायता मिलेगी.
मजदूरों को बनाएं मजबूत
ETV भारत ने इस मुद्दे पर सीए मॉल संचालक और शहर के व्यवसायियों से चर्चा कर नब्ज टटोलने का प्रयास किया. एक्सपर्ट ने अपनी राय देते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों से जिले में लौटे प्रवासी मजदूरों को सुदृढ़ करना होगा. मजदूरों के लिए रोजगार का प्रबंध करना होगा, जिससे उनकी आय का स्रोत बना रहे. मजदूर जब मजबूत होगा, तभी मार्केट में पैसा आएगा और मंदी दूर होगी.
पढ़ें- अनलॉक 1.0: घर लौटे प्रवासी श्रमिक, लेबर की कमी से अधूरे पड़े निर्माण कार्य
लोकल खरीदारी को देना होगा बढ़ावा
लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन खरीदी काफी दिनों तक बंद थी, लेकिन अब ये फिर से शुरू हो चुकी है. व्यवसायी कहते हैं कि जब तक ऑनलाइन खरीदी होगी, तब तक शहर का पैसा बाहर जाता रहेगा और नियमित अंतराल पर ऐसा होने से जिले से एक बड़ी धनराशि बाहर चली जाएगी, जिसका लोकल अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. एकमात्र तरीका यह है कि हर हाल में लोकल खरीदारी को बढ़ावा देना होगा, जिससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी और आय का साधन बढ़ेगा.