कोरबा:नालसा और छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देश पर विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा जिल तहसील स्तर पर लोक अदालत में 2250 प्रकरणों का निपटारा किया गया. 12 मार्च को पूरे दिन सभी मामलों से संबंधित नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसमें कुछ पक्षकार वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े थे. जिनके प्रकरणों का भी आपसी समझौता से निराकरण किया गया.
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इस तरह के प्रकरणों का निपटारा
न्यायालय में कुल 5600 प्रकरण रखे गये थे. लंबित प्रकरण 3188 व प्री-लिटिगेशन के 2412 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए थे. जिनमें से 2250 प्रकरण का निराकरण नेशनल लोक अदालत में समझौते के आधार पर हुआ. लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक व वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से निस्तारण किया गया. इसके अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किये गये हैं. कितने लोगों को घर बैठे न्याय मिला. हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में आनलाईन के माध्यम से आपसी समझौता कर प्रकरण का निपटारा किया गया
बेसहारा परिवार का प्रकरण भी निपटा
31 जुलाई 2018 को मोटर दुर्घटना में लक्ष्मीनारायण राठौर की मृत्यु हो जाने के कारण आवेदकगण द्वारा, समस्त मदों में कुल 47 लाख 10 हजार रूपये और इस पर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से क्षति रकम प्राप्त करने के लिए अनावेदक गण के विरूद्ध मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 166 के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया गया था. उभय पक्ष ने समझौता होकर लिखित में समझौता आवेदन हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में प्रस्तुत किया है. आवेदकगण की ओर से अनिता राठौर व अनावेदक की ओर से बयान लेखबद्ध किया गया. उन्होंने स्वेच्छापूर्वक बिना किसी भय दबाव के 12 लाख रूपये में राजीनामा पर हस्ताक्षर किए. आवेदन के परिप्रेक्ष्य में अवार्ड की राशि उसके ब्याज या अन्य खर्च के संबंध में किसी प्रकार का विवाद शेष नहीं रहना व्यक्त किया है. उभय पक्ष ने प्रकरण समाप्त करने का निवेदन किया.
लोक अदालत में एक ही दिन में निपटे 2 हजार 200 से अधिक प्रकरण, ऑनलाइन भी जुड़े पक्षकार
विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा जिल तहसील स्तर पर लोक अदालत में 2250 प्रकरणों का निपटारा किया गया. 12 मार्च को पूरे दिन सभी मामलों से संबंधित नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसमें कुछ पक्षकार वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े थे.
जेल में बंद-बंदी के प्रकरण का भी निपटारा
दीपक पांडे उर्फ चिन्ना के द्वारा अभियुक्त राहुल चौधरी के खिलाफ मारपीट का प्रकरण चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो के न्यायालय में सन 2019 से विचाराधीन था. जिसमें आरोपी किसी अन्य ममामले में रायपुर जेल में दंडित बंदी के रूप में सजा काट रहा था. ऐसे में शनिवार को आयोजित हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में रायपुर से कोरबा की दूरी को मिटाते हुए ऑनलाइन के माध्यम से निराकरण किया गया. आरोपी राहुल चौधरी को धारा 341, 294, 506, 323 भा.द.वि. के अपराध से दोषमुक्त किया गया.