कोरबा:छत्तीसगढ़िया और छत्तीसगढ़ वाद की बुनियाद पर गठित छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना में फूट पड़ गई है. संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों पर उगाही के आरोप लगे हैं. संगठन के प्रदेश मंत्री दिलीप मिरी पर नौकरी लगाने और फिर पैसे ना देने पर नौकरी से निकलवा देने का एक शिकायती पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
विवादों में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश मंत्री पर आरोप
दरअसल शहर के मानिकपुर क्षेत्र के निवासी भरत लाल गोंड ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश मंत्री दिलीप मिरी पर आरोप लगाया है कि 9 महीने पहले वह खदान में ड्राइवर के तौर पर कार्यरत था. तब प्रबंधन से किसी बात को लेकर उसकी कहासुनी हो गई. तब दिलीप मेरी के बहकावे में आकर वह खदान में काम बंद हड़ताल कर दिया था. भरत का कहना है कि दिलीप ने हम सभी को शराब पिलाकर आंदोलन के लिए उकसाया गया. जिसके बाद खूब शोर शराबा और जमकर हंगामा हुआ. इस बात से नाराज होकर प्रबंधन ने उसे काम से निकाल दिया था.
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15 हजार रुपए की मांग
कोर्ट कचहरी से किसी तरह जमानत लेकर भरत लाल बाहर आया. जिसके बाद दिलीप मिरी ने वापस उसे काम पर लगवाया गया, लेकिन इसके एवज में 15 हजार रुपए की मांग की. भरतलाल का कहना है कि दिलीप मिरी लगातार पैसों की मांग कर रहा है. धमकी देने के बाद उसे नौकरी से निकलवा दिया गया.
शिकायत फर्जी, आरोप भी निराधार
इस विषय में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश मंत्री दिलीप मिरी का कहना है कि संगठन के नाम पर मजदूरों से उगाही और अनियमितता बरतने के कारण कोषाध्यक्ष रहे संतोष पटेल को संगठन से बाहर कर दिया गया था. जिसके कारण खीझ में आकर संतोष पटेल ने भरत गोंड़ का एक फर्जी वीडियो वीडियो बनाया है और निराधार शिकायत की है. यह शिकायत अब तक ना तो जिला अध्यक्ष के पास पहुंची है और ना ही प्रदेश अध्यक्ष के पास ही किसी तरह का कोई शिकायत पत्र गया है. केवल सोशल मीडिया पर इसे वायरल कर उनकी छवि खराब की जा रही है. दिलीप मिरी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा