कोरबा : शुक्रवार को जिला सत्र न्यायालय कोरबा जाते वक्त अधिवक्ता कमलेश साहू को पाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साहू की गिरफ्तारी 2 साल पुराने प्रकरण में की गई है. जिसमें अधिवक्ता कमलेश साहू पर आरोप है कि उसने कबाड़ चोरी से संबंधित एक मामले में आरोपियों के जमानत के लिए फर्जी जमानतदार और पट्टा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए थे. इस प्रकरण में 2 साल पहले तीन और आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. लेकिन कमलेश साहू की गिरफ्तारी 2 साल बाद पुलिस ने की है. गिरफ्तारी के तरीके पर अधिवक्ता संघ ने ऐतराज जताया है. एडिशनल एसपी से मिलकर चर्चा भी की है.Lawyer arrested for presenting fake guarantor
क्या है पूरा मामला :पुलिस के मुताबिक 2 वर्ष पहले फरवरी 2020 में आरोपी पवन कुमार श्रीवास्तव, जमीर अहमद मंसूरी को हरदीबाजार पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय पाली के समक्ष पेश किया था. अधिवक्ता कमलेश साहू ने न्यायालय में उपस्थित होकर आरोपियों की जमानत स्वीकृत कराया . जमानतदार के रूप इतवारा बाई नामक महिला का भू अधिकार ऋण पुस्तिका, पट्टा पर्चा न्यायालय में प्रस्तुत किया. न्यायालय ने जमानतदार का आधार कार्ड सहित पहचान संबंधी दस्तावेज मांगे जाने पर बाद में प्रस्तुत करने का समय लेकर आरोपीगण चले गए.
कोर्ट ने दस्तावेजों की कराई जांच :संदेह होने पर न्यायालय ने दस्तेवेजों की जांच कराई. तब पता चला कि इतवारा बाई नामक जिस महिला ने जमानत लिया है. उसकी 1 वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी है.इतवारा बाई की पुत्री मनटोरा बाई को इतवारा बाई के रूप में प्रस्तुत कर जमानत ली गई थी. जिसकी पहचान कुवरिया बाई नामक महिला ने की. न्यायालय के आदेश पर जांच के बाद अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया. विवेचना के दौरान मामले में कमलेश साहू के साथी अधिवक्ता राजेश कुमार राठौर, मनटोरा बाई और कुंवरिया बाई को गिरफ्तार किया जा चुका था.
सबूत के बाद वकील की गिरफ्तारी :पुलिस का कहना है कि '' आरोपी कमलेश साहू के विरुद्ध साक्ष्य एकत्रित किया जा रहा था. जिसके विरुद्ध मामले में संलिप्त होने बाबत पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर शुक्रवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा रहा है. न्यायालय में पेश होने के बाद अधिवक्ता कमलेश साहू को जमानत नहीं मिली और यहां से उन्हें जेल दाखिल कराया गया है.
अधिवक्ता संघ ने जताया विरोध :कोर्ट जाते वक्त रास्ते से अधिवक्ता कमलेश साहू की गिरफ्तारी के बाद अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी और अधिवक्ता कोतवाली पहुंचे थे. जिसके बाद उन्होंने एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा से भी मुलाकात की. अधिवक्ता संघ के सचिव नूतन सिंह ठाकुर ने बताया कि "हमने हमें गिरफ्तारी के तरीके पर ऐतराज है. कोर्ट जाते वक्त किसी क्रिमिनल की तरह 2 साल पुराने मामले में अधिवक्ता को रास्ते से गिरफ्तार किया गया है. जो ठीक नहीं है. जिसके विरोध में हमने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से चर्चा की है. पूरे मामले से उन्हें अवगत कराया है. फिलहाल अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों के समक्ष इस घटना को रखा गया है. इस मामले में आगे क्या करना है हम इसकी रणनीति तैयार कर रहे हैं."
पुलिस के खिलाफ मोर्चा :जिस अधिवक्ता कमलेश साहू की गिरफ्तारी की गई है. उसने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. विवादित कार्यशैली वाले पुलिसकर्मियों के विरोध में साहू ने हाईकोर्ट में चार से पांच प्रकरण लगाए हैं. जिसमें सुनवाई चल रही है, यह सभी प्रकरण विचाराधीन हैं. शुक्रवार को शहर में यह चर्चा रही कि इसका इस कार्रवाई में कहीं ना कहीं कमलेश साहू को कीमत चुकानी पड़ी है. कबाड़ के अवैध व्यवसाय से जोड़कर भी इस घटना को देखा जा रहा है. 2 साल पुराने जिस प्रकरण में कमलेश की गिरफ्तारी हुई है. वह भी कबाड़ चोरी से ही जुड़ा हुआ था. शहर में इन दिनों अवैध कबाड़ के व्यवसाय को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हैं.
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विवेचना के बाद गिरफ्तारी हुई :इस मामले में एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि "मामला 2 साल पुराना पाली थाने का है. जिसमें 3 लोगों की गिरफ्तारी पहले भी हो चुकी थी. अन्य आरोपियों की पता तलाश की जा रही थी. जिसके बाद कमलेश साहू की गिरफ्तारी की गई है. मामले में अभी और भी जांच जारी है".Korba latest news