छत्तीसगढ़

chhattisgarh

By

Published : Nov 8, 2021, 3:06 PM IST

Updated : Nov 8, 2021, 4:19 PM IST

ETV Bharat / state

स्कूल स्तरीय खेल प्रतियोगिता : अलग-अलग आयु वर्ग में किक बॉक्सिंग में कोरबा को गोल्ड, बिलासपुर जोन का दबदबा

कोरोना महामारी ने दो सालों तक वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला. अन्य किसी भी प्रकार की गतिविधियों की तरह ही खेल गतिविधियों को भी कोरोना ने काफी प्रभावित किया है. अब एक बार फिर से स्कूल स्तर की खेल प्रतियोगिता का आयोजन कोरबा में किया जा रहा है. इसको लेकर खिलाड़ी कोरबा पहुंच चुके हैं.

players who entered the competition
प्रतियोगिता में शामिल होने आये खिलाड़ी

कोरबा :कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के 2 सालों में खेल और खिलाड़ियों को बड़ा नुकसान हुआ है. परिस्थितियां सामान्य होने के साथ ही 2 साल बाद एसजीएफआई की स्कूल स्तर पर खेल (School Level Sports Competition of SGFI) प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. इनमें से स्कूल गेम्स के अंतर्गत आने वाले 3 खेलों के राज्य स्तरीय आयोजन की मेजबानी (Korba Will Host State Level Event) कोरबा को मिली है. इसमें टेनिस, टेनिस बॉल क्रिकेट, थ्रो बॉल और किक बॉक्सिंग शामिल हैं. इन सभी खेलों के 1000 से अधिक खिलाड़ियों के साथ 240 कोच और मैनेजर कोरबा पहुंचे हैं. बिलासपुर, रायपुर, सरगुजा दुर्ग और बस्तर संभाग के खिलाड़ी कोरबा में मौजूद हैं.

प्रतियोगिता में शामिल होने आये खिलाड़ी
टेनिस और टेनिस बॉल क्रिकेट

21वीं राज्य स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता टेनिस बॉल और टेनिस बॉल क्रिकेट की बालक-बालिका के 14, 17 और 19 वर्ष आयु वर्ग की मेजबानी कोरबा को मिली है. इसके खिलाड़ी कोरबा पहुंच चुके हैं.
हालांकि इन दोनों ही प्रतियोगिताओं की राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा पूछ-परख नहीं है. स्कूल गेम्स में ही खिलाड़ी इस खेल में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होते हैं. जबकि आगे चलकर मान्यता व कैरियर केवल ड्यूज क्रिकेट में ही है. बालक-बालिका दोनों वर्ग के ही खिलाड़ी इसमें हिस्सा लेने कोरबा पहुंचे हुए हैं. क्रिकेट के प्रतियोगिताएं सीएसईबी फुटबॉल ग्राउंड और एसईसीएल मुड़ापार स्थित सेंट्रल वर्कशॉप के मैदान में आयोजित की जा रही हैं.

थ्रो बॉल की भी बालक-बालिका की टीमें पहुंची कोरबा

थ्रो बॉल के इवेंट में 17 उन्नीस आयु वर्ग के बालक-बालिका दोनों की टीमें कोरबा जिले में मौजूद हैं. इस खेल के भी बालक-बालिकाओं को मिलाकर 200 से ढाई सौ खिलाड़ी यहां पहुंचे हैं. थ्रो-बॉल वॉलीबॉल की तरह ही खेला जाता है, लेकिन इसमें गेंद को पंच करने के बजाय फ्लोर करना होता है. स्कूल स्तर पर इस खेल का खासा रुझान रहता है. स्कूल गेम्स के अंतर्गत आने वाला यह एक प्रमुख खेल है.

ओलंपिक मान्यता मिलने के बाद किक बॉक्सिंग की तरफ बढ़ा रुझान

टोक्यो में हुए ओलंपिक गेम्स के दौरान किक बॉक्सिंग के खेल को ओलंपिक की आयोजन समिति ने मान्यता प्रदान कर दी है. अब ओलंपिक की मान्यता मिलने के बाद किक बॉक्सिंग की तरफ खिलाड़ियों का रुझान बढ़ा है. इस खेल के भी 200 से ढाई सौ खिलाड़ी पूरे छत्तीसगढ़ से यहां पहुंचे हैं. कोरबा जिले में खासतौर पर किक बॉक्सिंग की काफी अच्छी तैयारी कराई जाती है. निजी एकेडमी भी है. सीएसबी स्थित सीनियर क्लब में किक बॉक्सिंग का आयोजन हो रहा है. 14 सत्रह और 19 वर्ष की आयु वर्ग में बालक-बालिका प्रदेशभर से कोरबा पहुंचे हैं.

बिलासपुर जोन सबसे आगे

रविवार को 21वीं राज्य स्तरीय साले क्रीड़ा प्रतियोगिता का आगाज हुआ था. जिसका उद्घाटन राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने किया था. पहले दिन कोई भी खेल प्रतियोगिता नहीं हुई थी. खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन सोमवार से शुरू हुआ है. अब तक जितनी भी प्रतियोगिताओं के परिणाम आए हैं, उनमें बिलासपुर जोन सबसे आगे है. खासतौर पर कोरबा के किक बॉक्सिंग के खिलाड़ियों ने अलग-अलग वर्ग में गोल्ड मैडल अपने नाम किये हैं, जिसके कारण बिलासपुर जोन फिलहाल सबसे आगे है.



मीनू के अनुसार मिलता है डाइट

सभी खेलों को मिलाकर 1040 खिलाड़ी हैं. 240 कोच और मैनेजर कोरबा पहुंचे हुए हैं. उनके भोजन की व्यवस्था के साथ ठहरने का इंतजाम करना भी बड़ी चुनौती है. 7 अलग-अलग स्थानों पर खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. जिला क्रीड़ा अधिकारी पीएल चौधरी ने बताया कि खिलाड़ियों के डाइट के लिए राजधानी सही हमें मीनू मिला है, जिसके आधार पर नाश्ते में अंडा, ब्रेड, केला दोपहर में हल्का खाना और रात को चिकन भी खिलाड़ियों को परोसा जा रहा है. हालांकि मीनू और डाइट को लेकर कहीं न कहीं ऊंच-नीच की स्थिति बनी रहती है.



एक दिन के भोजन का 100 रुपये का मिलता है डीए

प्रत्येक खिलाड़ी के भोजन व्यवस्था की जवाबदेही उनके जोन के प्रमुख प्रबंधक की होती है. प्रबंधकों ने बताया कि प्रत्येक खिलाड़ियों के भोजन के लिए उन्हें सुबह के नाश्ते और दो टाइम के भोजन के लिए 100 रुपये का डीए मिलता है, जोकि कई बार अपर्याप्त साबित होता है. हालांकि प्रबंधकों द्वारा कई बार संख्या बढ़ाने के लिए भी बच्चों को आयोजन स्थल पर ले जाया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा डीए विभाग से प्राप्त किया जा सके.

Last Updated : Nov 8, 2021, 4:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details