कोरबा: बीते 5 मार्च को करतला में अज्ञात युवक का शव अधजली अवस्था मे पाया गया था. अज्ञात आरोपियों ने युवक की हत्या कर शव की पहचान छुपाने के नियत से पेट्रोल डालकर शव को जला भी दिया गया था. इस मामले में शव की पहचान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी. सघन जांच, 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने और अपने सूचना तंत्र का इस्तेमाल कर लगभग 100 लोगों से पूछताछ की. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को सुलझा लिया.
कोरबा पुलिस ने अधजली लाश की गुत्थी सुलझाई 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले
मृतक की पहचान शहर के पुरानी बस्ती निवासी कृष्णा गंगावने के तौर पर हुई है. जिसकी हत्या उधार की रकम ब्याज सहित वापस लौटाने का दबाव बनाने की बात से व्यथित होकर उसके ही मित्र अमन ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर की थी. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त वाहन, चाकू और अन्य सामग्रियों को भी जब्त किया है. सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं
इस तरह मिला सुराग
इस मालमे में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान कृष्णा गंगावने, पिता राजेश गंगावने के तौर पर हुई. जो फेरी लगार प्लास्टिक सामानों की बिक्री करने का काम करता था. जांच के दौरान पुकिस को जानकारी मिली कि मृतक कृष्णा गंगावने का महेन्द्रा वाहन ग्राम चचिया के आगे लावारिस हालत में खड़ा है. वाहन के ड्रायवर सीट पर मृतक के पैंट और जूते मिले. पुलिस को भ्रमित करने के लिए आरोपियों ने मृतक के वाहन को कहीं दूर खड़ा कर दिया था. पुलिस को पता चला क्या मृतक कृष्णा गंगावने की दोस्ती अमन भवरे, राजू यादव, रामजनम यादव और एक नाबालिक से थी. सभी लोग एक ही व्यापार में लगे हुए थे. यह भी ज्ञात हुआ कि मृतक कृष्णा गंगावने एवं अमन भवरे के परिवार में लेन-देन को लेकर कोई विवाद था.
ऐसे खुला हत्या का राज
लेनदेन के विवाद वाली बात को लीड मानते हुए पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई. पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर शव बरामदगी के ठीक 1 दिन पहले 4 मार्च की शाम करीब 5 बजे मृतक अपने महेन्द्रा वाहन में उरगा भैसमा करतला होकर हाटी की ओर जाते हुए दिखा. उसके पीछे 02 मोटर सायकल मे 04 लोग जाते हुए और यही 4 लोग लगभग 11 बजे रात को उसी मोटर सायकल में वापस आते हुए दिखाई दिए. लेकिन मृतक का महेन्द्रा वाहन वापस नहीं लौटा है.
इस आधार पर संदेही अमन भवरे, राजू यादव, रामजनम यादव और नाबालिक सहित अन्य संदिग्धों पर बारीकी से पड़ताल की गई. संदेही अमन भवरे, राजू यादव, रामजनम यादव एवं एक नाबालिक से लगातार एवं कई चरणों में अलग-अलग पूछताछ किया गया. हर बार की पूछताछ पर संदेहियों के बयान में कुछ न कुछ अंतर आ रहा था. इस आधार पर सख्ती से पूछताछ की गई तब चारों सदस्यों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ही सुनियोजित तरीके से हत्या की घटना को अंजाम दिया है
1 लाख के बदले 4 लाख रुपयों की मांग
हत्या के मुख्य आरोपी अमन ने पुलिस को बताया कि 4-5 साल पहले कृष्णा गंगावने के मम्मी-पापा से अमन भवरे की मां ने 01 लाख रूपये उधार लिए थे. जिसका ब्याज सहित करीब 04 लाख हो गया था. कृष्णा गंगावने के माता-पिता ब्याज का पैसा दो बोलकर परेशान कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि करीब तीन माह पहले अमन भवरे की मां अपना जमीन बेचकर 01 लाख 70 हजार रूपये कृष्णा के मम्मी-पापा को वापस दिए थे. उसके बाद भी 2 लाख रुपये की मांग की जा थी. इस बात को लेकर अमन भवरे के मन में बदले की भावना उठ रही थी. अमन ने कृष्णा गंगावने की हत्या का प्लान तैयार किया और प्लान में अपने साथी राजू यादव, रामजनम यादव और एक नाबालिक को शामिल किया. जिसके बाद 4 मार्च को आरोपियों को पता चला कि मृतक कृष्णा गंगावने सामान बिक्री करने करतला की ओर जाएगा. तब सभी लोग उसी दिन मर्डर करने का प्लान बनाये. घटना वाले दिन मृतक का पीछा करते सभी आरोपी मृतक करतला के आगे पुल के पास पहुंचे. ठीक इसी समय आरोपियों ने मिलकर उसे रोका और गाड़ी से उतारकर लगभग 100 मीटर दूर खेत में ले गए और सब्जी काटने वाले चाकू से मृतक के सिर के पीछे तरफ वार कर हत्या की वारदात की अंजाम दिया. घटना में उच्च अधिकारियों के निर्देश पर थाना प्रभारी करतला राजेश चंद्रवंशी के साथ ही साइबर टीम और डॉग स्क्वायड ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.