कोरबा : छत्तीसगढ़ में चुनाव करीब है. ऐसे में कर्मचारी और उनसे जुड़े संगठन सरकार को अपनी नाराजगी, एकजुटता और वोट की ताकत का अहसास कराकर अपनी मांगें पूरी कराना चाहते हैं.अब छत्तीसगढ़ में उत्कृष्ट कार्यों के बदले राज्यपाल और राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित शिक्षकों ने भी आवाज उठाई है. इन शिक्षकों ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की मांग के साथ रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग सरकार से की है. छत्तीसगढ़ में लगभग 1000 शिक्षक राज्यपाल या फिर राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हो चुके हैं. वहीं आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का नियम सिर्फ पुलिस महकमे में ही लागू है.
क्यों कर रहे हैं शिक्षक मांग :गवर्नर और प्रेसिडेंट्स अवॉर्ड पाने वाले शिक्षक खुद को दूसरे शिक्षकों से अलग मानते हैं. इन शिक्षकों का कहना है कि ये दूसरे शिक्षकों की अपेक्षा अध्यापन कार्यों में असाधारण भूमिका निभाते हैं. इसलिए इन्हें भी पुलिस महकमे की तरह आउट ऑफ टर्म प्रमोशन मिलना चाहिए. रिटायरमेंट की उम्र सीमा में दो साल की बढ़ोतरी की जानी चाहिए. शैक्षणिक गतिविधियों के लिए सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक अब अपनी इन दो मांगों के लिए प्रयास शुरू करने की तैयारी में हैं.
ऑनलाइन एकजुट हुए शिक्षक :अपनी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए अवॉर्डी शिक्षकों ने हाल ही में ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया था. जिसमें छत्तीसगढ़ के एक हजार से ज्यादा शिक्षक जुटे थे. बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य मध्यप्रदेश का हिस्सा रहा है. एक नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था, तब मध्यप्रदेश के अधिकांश कानूनों को छत्तीसगढ़ ने अपनाया. लेकिन कुछ कानून ऐसे भी थे, जिन्हें छत्तीसगढ़ सरकार ने लागू नहीं किया. इनमें से एक नियम ये भी है, जिसके अनुसार राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षकों को सेवानिवृत्ति में 2 वर्ष की बढ़ोतरी और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में ऐसे 1000 शिक्षक हैं. जिन्होंने मुख्यमंत्री अलंकरण, राज्यपाल या राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त किया है. लेकिन इन्हें कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए हम सभी ने अपना एक ग्रुप बनाया है. हमारी वर्चुअल मीटिंग भी हो चुकी है. हम सरकार से 2 बिंदु पर मांग कर रहे हैं. - मुकुंद उपाध्याय, शिक्षक, राज्यपाल से पुरस्कृत