कोरबाः वर्ष 2020 के साथ ही कोरबा जिले के सबसे पुराने पावर प्लांट कोरबा (पूर्व) का ऑपरेशन भी समाप्त हो रहा है. 31 दिसंबर को कोरबा पूर्व पावर प्लांट की 120 यूनिट की 2 इकाइयों के बंद होते ही यह पावर प्लांट पूरी तरह से क्लोज कर दिया जाएगा. यहां संचालित स्विच यार्ड, वाटर ट्रीटमेंट और हाइड्रोजन प्लांट का संचालन जारी रहेगा. छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) एनके बिजौरा जिले के दौरे पर हैं. उन्होंने पावर प्लांट का दौरा कर हकीकत की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने कोरबा के अन्य पावर प्लांट का दौरा कर आवश्यक जानकारी लेकर दिशा निर्देश भी दिए. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर इस पावर प्लांट को बंद किया गया है. जहां से प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार साबित होती रही है.
ETV भारत से प्रबंध निदेशक बिजौरा ने कहा कि कोरबा पूर्व संयंत्र के 120 मेगावाट क्षमता की 2 इकाइयों के स्थान पर फिलहाल कोई नई योजना नहीं है. सोलर प्लांट की बात जरूर होती है, लेकिन यहां सिर्फ 100 एकड़ भूमि उपलब्ध है. जिस पर केवल 20 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट की स्थापना हो सकती है, जो कि व्यवहारिक नहीं है. इसके अलावा नया पावर प्लांट खोलने के लिए राख यूटिलाइजेशन और विस्थापितों को मुआवजा और नौकरी एक बड़ी चुनौती बन जाती है. यहां नए पावर प्लांट की स्थापना नहीं की जाएगी. फिलहाल इस पावर प्लांट के स्थान पर कंपनी के पास कोई नई योजना नहीं है.
पढ़ें:सरकार के उद्योग हितैषी निर्णय से कोरिया में बढ़ी औद्योगिक विकास की रफ्तार