कोरबा: कोविड काल में सौंपे गए महत्वपूर्ण दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण कलेक्टर किरण कौशल ने कोरबा के विकास खंड शिक्षा अधिकारी(BEO) संजय अग्रवाल को पद से हटा दिया है. उनकी जगह पर अब ट्राइबल डिपार्टमेंट के सहायक संचालक एसएस रात्रे कोरबा के नए Beo होंगे.
महत्वपूर्ण काम में लापरवाही
कोरोना नियंत्रण के लिए सौंपे गए काम में दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने के साथ ही बिना अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर जाने पर कोरबा BEO पर कार्रवाई की गाज गिरी है. कलेक्टर ने BEO संजय अग्रवाल को इस पद से पृथक कर जिला पंचायत में संलग्न कर दिया है. BEO कोरबा का प्रभार आगामी आदेश तक के लिए आदिवासी विकास विभाग के सहायक संचालक एसएस रात्रे को सौंप दिया गया है. तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से जिले में पिछले एक पखवाड़े से धारा 144 लागू है. कोरोना नियंत्रण के लिए कड़े निर्देश जारी करने के साथ-साथ कलेक्टर किरण कौशल ने सभी अधिकारी व कर्मचारियों को बिना अनुमति मुख्यालय से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगाया है.
संजय अग्रवाल पद से हटाए गए गौरेला पेंड्रा मरवाही: फूड इंस्पेक्टर ने धारा 144 का किया उल्लंघन
निर्देशों की अवहेलना कर कोरबा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) संजय अग्रवाल बिना अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर थे. जबकि उन्हें कोरोना वायरस (कोविड -19 ) के प्रसार को देखते हुए नियंत्रण और रोकथाम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कलेक्टर कौशल ने बीईओ के इस कार्य व्यवहार को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पद से हटा दिया है. उन्हें कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कार्य के लिए जिला पंचायत के अधीनस्थ संलग्न कर दिया गया है. आदिवासी विकास विभाग के सहायक संचालक एस एस रात्रे को कोरोना वायरस की स्थिति सामान्य होने तक के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कोरबा का प्रभार सौंपा गया है.
होगी कड़ी कार्रवाई
कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने के मामले में जिले में अफसर पर हुई ये पहली बड़ी कार्रवाई है. कलेक्टर किरण कौशल ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि आदेश की अवहेलना करते पाए जाने पर सम्बन्धितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कोरोना वायरस नियंत्रण को लेकर प्रदेश भर में हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में उच्चाधिकारियों पर भी काम का दबाव है. अधिकारियों की परेशानी तब बढ़ जाती है. जब उनके अधीनस्थ कर्मचारी ही काम में लापरवाही बरतते हैं.