कोरबा: 26 नवंबर के दिन ही देश को अपना संविधान मिला था. 26 नवंबर 1949 को देश के संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था. हालांकि इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था. तभी से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह भारत के लिए बेहद खास है. जानकारों की माने हैं तो 100 से अधिक संशोधन होने के बाद भी संविधान आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि आजादी के वक्त था. फिर चाहे वह न्यायपालिका हो विधायिका या कार्यपालिका संविधान देश के तीनों स्तंभों को अपने में समेटे हुए है. जिला स्तर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक संविधान का बेहद महत्व है. संविधान को देश की आत्मा की संज्ञा दी जाती है.
क्या कहते हैं जानकर
देश को दिशा देने वाला है हमारा संगठन
सीनियर एडवोकेट रामायण लाल जांगड़े जोकि बामसेफ इंसाफ की तरफ से बौद्धिक पब्लिकेशन ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं. बताते हैं कि भारतीय संविधान देश को दिशा देने वाला है. इसे 1946 में स्थापित किया गया था. विधान परिषद के तहत और बाबा साहेब आंबेडकर को संविधान निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी. हमारा संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है. हमारे संविधान में संसदीय प्रणाली हैं. अध्यक्षीय प्रणाली नहीं है. इसलिए इससे एक मजबूत लोकतंत्र का निर्माण होता है.
अमेरिका में राष्ट्रपति शासन होता है. क्योंकि वहां अध्यक्षीय प्रणाली है, लेकिन हमारे संविधान में ऐसा नहीं है. हमारा संविधान संसद से चलता है. लोकतंत्र से चलता है. इसलिए हमारा संविधान बेहद खास है. यह आम जनता का शासन है. एक तरह से हमारा संविधान पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक की तरह है. विश्व में बहुत से देश ऐसे हैं, जहां अध्यक्षीय प्रणाली के तहत शासन होता है. वहां लगातार आंदोलन चल रहे हैं. जो इस बात के लिए है कि शासन जनता का होना चाहिए. हमारे संविधान ने पहले ही यह व्यवस्था दी गई थी.
देश की आत्मा है संविधान
एडवोकेट नूतन सिंह कहते हैं कि हमारा संविधान देश की जान है, इसकी आत्मा है. बिना संविधान के एक लोकतंत्र की कल्पना ही नहीं की जा सकती है. हमारा देश संविधान से चलता है. हमारे देश के संविधान को लागू करने में जो प्रारूप समिति के जो सदस्य थे. उन्होंने एक बेहद चुनौतीपूर्ण संविधान का निर्माण किया है. हालांकि अंग्रेजों ने पहले से ही नियम अधिनियम लागू कर रखे थे. लेकिन हमारे संविधान में विश्व के अन्य संगठनों से अच्छी बातों को लिया गया है. उनका समावेश किया और अच्छी बातों को मिलाकर मिलाकर विश्व के सर्वश्रेष्ठ संविधान का निर्माण किया.