कोरबा: कारगिल विजय दिवस पर शहर के सुभाष चौक में भूतपूर्व सैनिकों और जनप्रतिनिधियों ने समारोह का आयोजन किया. समारोह में कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सेना के वीर जवानों को याद (Kargil Vijay Diwas celebrated in Korba) किया गया. समारोह में मेयर राजकिशोर प्रसाद के साथ ही भूतपूर्व सैनिक बड़ी तादाद में मौजूद रहे. शहर के गणमान्य नागरिकों को भी समारोह में बुलाया गया था.
" जवानों ने कठिन चढ़ाई में युद्ध लड़कर दिया था शौर्य का परिचय" : समारोह में पहुंचे भूतपूर्व सैनिक मुकेश अदलखा ने कहा कि "कारगिल का युद्ध बेहद कठिन युद्ध था. इस दौरान ऊंची चढ़ाई पर चढ़कर हमारे जवानों ने सीने पर गोली खाई थी और शौर्य का परिचय दिया था. कारगिल युद्ध जीतना हम सभी देशवासियों के लिए गर्व का क्षण था. युद्ध में जिन वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, हम कामना करते हैं कि ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें."
कारगिल विजय दिवस 2022: याद किये गए वीर जवान, जिन्होंने दिया था प्राणों का बलिदान - सुभाष चौक कोरबा
कारगिल विजय दिवस उस ऐतिहासिक दिन की स्मृति में मनाया जाता है, जब भारत के वीर सैनिकों ने सन् 1999 में कारगिल सेक्टर पर पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में विजय हासिल की थी. लगभग 60 दिनों तक लगातार चले युद्ध का समापन 26 जुलाई के दिन ही हुआ था. कारगिल विजय दिवस पर आज शहर के सुभाष चौक में भूतपूर्व सैनिकों और जनप्रतिनिधियों ने समारोह का आयोजन कर वीर जवानों (Kargil Vijay Diwas celebrated in Korba) को याद किया गया.
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पुलिस के जवान और मेयर भी रहे मौजूद :कारगिल विजय दिवस पर भूतपूर्व सैनिकों ने समारोह का आयोजन किया था. इस दौरान शहर के सुभाष चौक पर मेयर राजकिशोर प्रसाद, जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष सुरेंद्र जायसवाल भी मौजूद रहे. जिन्होंने सभी को कारगिल विजय दिवस (kargil vijay diwas 2022) की बधाई दी. ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण सिंह परिहार सहित अन्य लोग भी समारोह में शामिल हुए. सभी ने कारगिल युद्ध में शहीद जवानों पर पुष्पमाला भेंट की.
इसलिए मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस :कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दिवस है. भारत में हर साल 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है. 1999 में भारत और पाकिस्तान के सेना के बीच कारगिल में युद्ध हुआ था, जो कि लगभग 60 दिनों तक चला था. 26 जुलाई के दिन ही युद्ध का समापन हुआ था, जिसमें भारत ने विजय हासिल की थी. कारगिल के युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान के लिए यह दिवस मनाया जाता है. कारगिल युद्ध के विषय में ऐसा माना जाता है कि यह युद्ध भारत के लिए बेहद कठिन था. इस युद्ध में भारत के 550 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि करीब 1400 जवान घायल हुए थे.