कोरबा:नए वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से आंगनबाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार वितरण की व्यवस्था बदल गयी है. बदली हुई व्यवस्था के तहत अब बीज निगम लिमिटेड द्वारा 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को रेडी टू ईट फूड दिया जा रहा है. लेकिन वितरण की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने भी सप्लाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने की बात स्वीकार की (Children are not getting ready to eat in Korba) है.
मिल रहा अधूरा आवंटन:आंगनबाड़ी केंद्रों की मानें तो पूरक पोषण आहार पहुंचाने की व्यवस्था अब तक नहीं बन पाई है. ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला कि केंद्रों तक रेडी टू ईट या पूरक पोषण आहार पहुंच तो रहा है, लेकिन यह नियमित नहीं है. पिछले महीने का आवंटन अभी मिला है. लेकिन वह भी बच्चों के लिए पूरा नहीं हो पा रहा. आंगनबाड़ी केंद्र बुधवारी में पदस्थ शशिकला कहती हैं, "जब से महिला स्व-सहायता समूहों में रेडी टू ईट बांटना बंद किया है. तब से ही हमें नियमित तौर पर आबंटन नहीं मिल रहा है. अप्रैल माह में तो पूरक पोषण आहार मिला ही नहीं. इनके बाद आधा अधूरा मिलना शुरू हुआ बच्चों को रेडी टू ईट नहीं मिलता तब अभिभावक बार-बार आकर पूछते हैं. उन्हें हम जवाब नहीं दे पाते, बच्चे गरीब हैं. पूरक पोषण आहार उनके लिए बड़ा सहारा होता है. यदि इससे वो वंचित होंगे तो उन्हें पोषण भी नहीं मिलेगा."
कई केंद्रों तक नहीं पहुंचा पोषण आहार: इस विषय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिलाध्यक्ष बीना साहू का कहना है, "पूरक पोषण आहार की व्यवस्था जब से बदले है तब से ही व्यवस्था चरमरा गई है. जुलाई महीने का पोषण आहार अब तक कहीं नहीं पहुंचा है. फिर चाहे वह कोरबा शहरी हो रजगामार, मुड़ापार या कोथारी सहित कई सेक्टर में पोषण आहार नहीं पहुंचा है. जिले भर में भी यही स्थिति है, महीने में दो बार हमें गर्भवती, शिशुवती और 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार देना पड़ता है. जब आबंटन मिलेगा ही नहीं तो हम इसका वितरण कैसे करेंगे. मांग के मुताबिक हमें पोषण आहार नहीं मिल रहा है. किसी तरह एडजस्ट करके काम चला रहे हैं. बीज निगम से पोषण आहार प्रदान करने के पीछे यह तर्क दिया गया था. इसमें प्रोटीन, विटामिन की गुणवत्ता अच्छी रहेगी. लेकिन अब वितरण ही अनियमित हो गया है."
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