कोरबा:प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरबा जिले में कोरोना संक्रमित लोगों की इलाज की व्यवस्था और मॉनिटरिंग सिस्टम की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में कलेक्टर किरण कौशल ने जिले में कोरोना संक्रमितों को विशेष कोविड-19 अस्पताल स्याहीमुड़ी के कोविड-19 केयर सेंटर के साथ-साथ होम आइसोलेशन में रहकर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की जानकारी दी.
समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री ने होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराने वाले मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए. प्रभारी मंत्री ने कहा कि शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कोरोना संक्रमित मरीजों के घर में परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखने की पर्याप्त सुविधा होने पर ही होम आइसोलेशन की इजाजत दी जाए. व्यवस्था नहीं होने पर तत्काल संक्रमित को कोविड-19 अस्पताल या केयर सेंटर में भर्ती कराया जाए. उन्होंने होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की लगातार निगरानी और उनके स्वास्थ्य की लगातार जानकारी लेते रहने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए.
टेकाम ने होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराने वाले मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की किट के उपयोग की भी पूरी जानकारी लेने के निर्देश अधिकारियों को दिए. प्रभारी मंत्री ने होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के घरों से निकलने वाले कचरे और अपशिष्टों का वैज्ञानिक तरीके से निपटान सुनिश्चित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए.
आइसोलेशन में हैं 746 कोरोना संक्रमित
बैठक में कलेक्टर कौशल ने बताया कि कोरबा जिले में अभी तक 746 कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखकर इलाज की सुविधा दी गई है. इन सभी की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर वीडियो कॉल के माध्यम से मरीजों का हालचाल पूछा जा रहा है. मरीजों का ऑक्सीजन लेवल, तापमान और स्वास्थ्य जानकारियां लगातार ली जा रही है. आवश्यकता पड़ने पर पूरी सुरक्षा के साथ मरीज के घर जाकर भी जांच की जा रही है.
लगातार ली जा रही है जानकारी
कलेक्टर ने बताया कि अभी तक होम आइसोलेशन में रहने वाले 12 कोरोना संक्रमितों को तबीयत बिगड़ने पर तत्काल कोविड-19 अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. कलेक्टर ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है. 24 घंटे चलने वाली इस कंट्रोल रूम से लगातार फोन कर मरीजों की पूरी जानकारी ली जा रही है. साथ ही किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर मरीजों द्वारा भी कंट्रोल रूम फोन कर बताया जाता है.