कोरबा: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है, लेकिन फड़ प्रभारी अब भी धान खरीदी के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है. आधी अधूरी तैयारियों के साथ फिर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है. बारदानों की व्यवस्था से लेकर सॉफ्टवेयर अपडेट करने तक की प्रक्रिया फिलहाल अधूरी है. अब तक कोरबा जिले में एक भी किसान ने धान बेचने के लिए टोकन नहीं कटवाया है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 नवंबर से धान बेचने के लिए टोकन कटवाने की प्रक्रिया शुरू तो कर दी, लेकिन हालात यह हैं कि 27 नवंबर को ही फड़ प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग शुरू हुई है. इसी दिन नोडल अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है. ETV भारत की टीम ने जब जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सोनपुरी धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया, तब 28 नवंबर को भी वहां के फड़ प्रभारी ट्रायल टोकन काट रहे थे. खरीदी केंद्रों में सॉफ्टवेयर अपडेट संबंधी जांच अब तक चल रही थी. जिसके कारण एक भी किसान का टोकन नहीं कटा है. यही हालात पूरे कोरबा जिले का है. 28 नवंबर तक धान बेचने के लिए एक भी किसान ने टोकन नहीं कटवाया है.
बारदानों की व्यवस्था पर सवाल
सोनपुरी के फड़ प्रभारी राजकुमार देवांगन ने बताया कि उनके यहां 800 से ज्यादा किसान पंजीकृत हैं. जिनके लिए बारदानों की व्यवस्था पर्याप्त तौर पर कर दी गई है. लेकिन इस साल छत्तीसगढ़ शासन पर विपक्ष बारदानों की व्यवस्था को लेकर हमलावर है. सीएम खुद भी कह चुके हैं कि कोरोना काल में जूट मिल के बंद होने से बारदानों व्यवस्था नहीं हो सकी है. धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी करने के लिए बारदानों की पर्याप्त पैमाने पर व्यवस्था कर पाना जिला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
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