कोरबा :10 सितंबर को हिंदुओं का प्रमुख पर्व गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) मनाया जाना है. लेकिन कोरोना के प्रकोप के कारण स्थानीय प्रशासन ने विस्तृत दिशा-निर्देश (guidelines) जारी किये हैं. अब हिंदू क्रांति सेना ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. संगठन का सीधा आरोप है कि प्रशासन ने पिछले वर्ष जब कोरोना वायरस अपने चरम पर था, तब की गाइडलाइन को इस वर्ष भी कॉपी पेस्ट कर आदेश जारी किया है. जबकि इस वर्ष स्कूल-कॉलेज सब खुल चुके हैं. सारी गतिविधियां लगभग सामान्य तौर पर जारी हैं. फिर हिंदुओं के पर्व गणेश पूजा पर इतनी पाबंदी क्यों है.
हिंदू क्रांति सेना : स्कूल-कॉलेज सब खुल चुके तो गणेश पूजा पर पाबंदी क्यों, नहीं मिली छूट तो घेरेंगे सीएम हाउस
गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को है. लेकिन कोरोना के प्रकोप को लेकर पाबंदी लगाए जाने पर हिंदू क्रांति सेना ने प्रशासन पर पिछले वर्ष की गाइड लाइन को कॉपी पेस्ट कर इस वर्ष के लिए भी जारी करने का आरोप लगाया है.
हिंदू क्रांति सेना के जिला अध्यक्ष राहुल चौधरी ने प्रेस वार्ता (press briefing) में बताया कि प्रशासन ने बेहद कड़े नियम बनाए हैं. प्रसाद बांटने तक पर पाबंदी लगा दी है. मूर्ति विसर्जन से लेकर गणेश पंडालों के लिए भी कई तरह के बेतुके नियमों का पुलिंदा जारी किया गया है. हमने नियमों को शिथिल करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. जिसपर विचार करने के लिए 5 दिन का समय दिया था, इसकी अवधि अब पूरी हो चुकी है. अब भी यदि नियमों में छूट नहीं मिली तो हम मंगलवार को कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे. इससे भी बात नहीं बनी तो हम सीएम हाउस का भी घेराव करने को तैयार हैं. हिंदुओं के पर्व पर सदैव इस तरह की पाबंदियां लगाई जाती रही हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
धूमधाम से मनाएंगे गणेशोत्सव
प्रशासन ने जो कड़े नियम जारी किये हैं, उसमें बंधकर गणेश उत्सव का आयोजन हर्षोल्लासपूर्वक करना संभव नहीं है. शहर के साथ ही गली-मोहल्लों में विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है, लेकिन इस वर्ष 5 हजार वर्ग फीट की खुली जगह पंडाल के लिए अनिवार्य की गई है. सीसीटीवी कैमरा लगाने की बात कही गई है, इससे गणेश उत्सव समितियों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. हम चाहते हैं कि गणेशोत्सव का पर्व धूमधाम से मनाया जा सके.