छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

कोरबा: कटघोरा वन मंडल में घायल दंतैल हाथी हुआ स्वस्थ

कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज के कोरबी सर्किल के ग्राम कोईलार गडरा जंगल में पिछले दो दिनों से एक दंतैल हाथी घायल अवस्था में घूम रहा था जो इलाज के बाद स्वस्थ्य हो गया है.

elephant
दंतैल हाथी

By

Published : Sep 3, 2020, 8:19 AM IST

Updated : Sep 3, 2020, 2:55 PM IST

कोरबा:कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज के कोरबी सर्किल के जंगलों में एक दंतैल हाथी बुरी तरह घायल हुआ था. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने घायल हाथी का इलाज किया. घायल दंतैल हाथी को पिछले 2 दिनों से गुड़ के साथ मेलोनेक्स दवाई का डोज दिया जा रहा था. 2 दिन तक चले इस इलाज के बाद अब दंतैल हाथी स्वस्थ्य हो गया है.

घायल दंतैल हाथी हुआ स्वस्थ

घायल होने के बाद भूख-प्यास से जंगल में भटक रहा था हाथी

कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज के कोरबी सर्किल के ग्राम कोईलार गडरा जंगल में पिछले दो दिनों से एक दंतैल हाथी घायल अवस्था में घूम रहा था. इस बीच गस्त में निकले लालपुर बीट की नजर इस हाथी पर पड़ी. वन रक्षक ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी. सूचना को गंभीरता से लेते हुए सीसीएफ अनिल सोनी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया. जानकारी के मुताबिक दंतैल हाथी के पैर में चोट आई हुई थी और वो भूख-प्यास से जंगल में भटक रहा था.

पढ़ें: बलरामपुर: 25 हाथियों के दल ने ग्रामीणों पर किया हमला, धान और मक्के के खेत बर्बाद

हाथियों से दहशत

30 अगस्त को डीएफओ और एसडीओ समेत रेंजर अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंच घायल हाथी का इलाज किया और पशु चिकित्सक से सलाह लेकर उच्च अधिकारियों के निर्देशन पर दो दिन तक कोरबी चोटिया परिक्षेत्र सहायक अधिकारी एमके साहू की उपस्थिति में उक्त लोनर दंतैल घायल हाथी को मेलोनेक्स दवाई को दस किलो गुड़ के साथ लड्डू बनाकर खिलाया गया. फिलहाल हाथी पूरी तरह स्वस्थ्य है. बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में हाथियों की दस्तक से ग्रामीण दहशत में है. हाथियों का दल इन दिनों आबादी बस्तियों में विचरण कर रहा हैं. वन विभाग ने हाथी प्रभावित क्षेत्रों में जाकर सभी को सचेत कर जंगल में नहीं जाने की सलाह दी है. इस दौरान उन्होंने वन रोपण कार्य को देखकर संतुष्टि भी जताई.

पढ़ें:बलरामपुर में हाथियों का आतंक, 15 एकड़ में लगी धान की फसल को रौंदा

छत्तीसगढ़ के इन इलाकों में हाथियों का आतंक
छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्रों में शुमार राज्यों में से एक है. छत्तीसगढ़ की बात करें तो प्रदेश में लगभग 35 साल पहले हाथियों का आगमन राज्य में हुआ था. उत्तरी और उत्तरी पूर्वी सीमा से तत्कालीन बिहार और वर्तमान झारखंड और ओडिशा राज्यों से हाथियों ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया. तब से लेकर आज तक राज्य के सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, कोरिया, जशपुर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, धमतरी, बलौदा बाजार और गरियाबंद जिलों में हाथियों का विचरण होता रहा है.

दंतैल हाथी

छत्तीसगढ़ में हाथियों की संख्या

वर्तमान में राज्य में हाथियों की संख्या 290 के आसपास है. छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ सालों से मानव हाथी द्वंद एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. पिछले 5 साल में करीब 300 लोगों की जान गई है और कई एकड़ की फसल भी चौपट हुई है. नुकसान के एवज में शासन ने पिछले 5 साल में 80 करोड़ का मुआवजा भी दिया है. मानव हाथी द्वंद्व को रोकने के लिए शासन की तरफ से कई प्रयास भी किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है. वन विभाग इसलिए अब उत्तराखंड की तर्ज राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है.

Last Updated : Sep 3, 2020, 2:55 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details