कोरबा:छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद गौठानों से जुड़े लोग और पशुपालक इस पशोपेश में थे कि गौठान अब चलेंगे या बंद हो जाएंगे. बीते दिनों केंद्रीय पंचायत मंत्री गिरिराज सिंह ने गौठान योजना पर अपना रुख साफ कर दिया. उन्होंने कहा कि गौठान लोगों के उत्थान का केंद्र होगा. यानी भाजपा, भूपेश सरकार की फ्लैगशिप योजना नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजना को बंद करने के मूड़ में फिलहाल नहीं है.
अभी क्या है गौठानों की स्थिति:प्रदेश में सरकार बदलते ही फिलहाल गौठानों में काम पूरी तरह से रुके हुए हैं. स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं. गौठानों में किसी भी तरह की गतिविधि बंद है. यहां आने वाले गायों को सिर्फ चारा पानी का इंतजाम किया जा रहा है.
कांग्रेस सरकार में गौठानों में क्या होता था:नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजना के तहत गौठानों का संचालन किया जाता था. कोरबा के गोकुल नगर में संचालित गौठान का स्थानीय स्तर पर महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से होता था. पूरा कंट्रोल महिलाओं के हाथों में था. गोबर खरीदी के साथ ही गोबर गैस और खाद बनाया जाता था. स्व सहायता समूह की महिलाएं उसी खाद से गौठानों में सब्जियां भी उगाती थी और उन्हें स्थानीय बाजार में बेचकर पैसे भी कमाती थी.
पहले गोबर खरीदी होती थी अब बंद हो गई है. पहले वर्मी कंपोस्ट बनाते थे. अब सब बंद है. सरकार बदलने के बाद सब बंद हो गया है. गायों को सिर्फ दाना पानी दिया जा रहा है. पहले 500 गाय गौठान में रहती थी.-चैतराम, गौठान समिति के सदस्य
बंद नहीं होंगे गौठान:गौठानों में गायों को चारा पानी देने के अलावा और कोई भी काम नहीं किया जा रहा है. लेकिन जल्द गौठानों में पहले जैसी रौनक दिखने लगेगी. केंद्रीय पंचायत मंत्री गिरिराज सिंह बीते दिनों कोरबा दौरे पर थे. वहां उन्होंने कहा कि "गौठान लोगों के उत्थान का मार्ग बनेंगे. उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों को भी इससे जोड़ने की बात कही है. हालांकि गौठानों का संचालन अब किस तरह से होगा? इसका मॉडल क्या होगा? और क्या गौठानों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को जोड़कर इसके प्राइवेटाइजेशन की दिशा में भी कोई प्लान है? यह बातें फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन गिरिराज सिंह ने यह जरूर साफ कर दिया है कि प्रदेश के गौठान फिलहाल बंद नहीं किए जाएंगे.
गौठान भ्रष्टाचार का प्रतीक नहीं होगा, अब वो लोगों के उत्थान का केंद्र होगा. -गिरिराज सिंह, केंद्रीय पंचायत मंत्री
जानिए गौठानों में आखिर क्या : साल2018 में कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सत्ता में आई. भूपेश बघेल ने चुनाव के पहले ही नारा दिया था कि "नरवा, गरवा,घुरवा अउ बाड़ी एला बचाना हे संगवारी". इसी तर्ज पर उन्होंने इस सुराजी गांव योजना को लॉन्च किया. गांव-गांव में गौठान बनाए गए. अकेले कोरबा जिले में 332 गौठान हैं. इस योजना के तहत नरवा (बरसाती नाले), गरवा (पशुधन), घुरवा (कम्पोस्ट खाद निर्माण) और बाड़ी (सब्जी और फलोद्यान) के संरक्षण एवं संवर्धन का अभियान शुरू किया गया.