कोरबा: हसदेव नदी पर बने दर्री बराज के गेट 12 साल बाद बदले (gate of Darri barrage replaced in korba ) जाएंगे. नियमों के अनुसार इन्हें प्रत्येक 10 वर्षों में बदला जाना चाहिए. लेकिन 2 साल अधिक बीतने के बाद विभाग को दर्री बराज के गेट की याद आई है. दर्री बराज से ही कोरबा, जांजगीर और रायगढ़ समेत इलाकों में 72 हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी दिया जाता है. तो बालको, एनटीपीसी और राज्य के विद्युत संयंत्रों को भी दर्री बराज से ही विद्युत उत्पादन के लिए पानी सप्लाई होती है. इस गेट से पानी सप्लाई के एवज में सरकार को लगभग 48 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है.
2010 में हुआ था नवीनीकरण: राज्य के सबसे ऊंचे मिनीमाता बांगो बांध के अंतर्गत आने वाले दर्री बांध से किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलती है. पिछली बार इनका नवीनीकरण 12 साल पहले 2010 में हुआ था. इसके बाद अब जाकर सरकार ने दर्री बराज की सुध ली है. मिनीमाता बांगो बांध के बाद दर्री बराज में पानी को रोक कर रखा जाता है. विशालकाय लोहे के प्लेट के माध्यम से पानी को रोका जाता है. जरूरत पड़ने पर इसी के जरिये पानी नदी या नहर में छोड़ा जाता है. फिलहाल गेटों को बदले जाने के साथ ही लोहे के इन प्लेटों को भी बदला जाएगा. गेट नवीनीकरण के साथ में संचालन के यंत्रों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा.
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