कोरबा:पिछले 2 साल से कोरोना प्रकोप के कारण गणेश चतुर्थी के त्योहार फीका रहा है. लेकिन इस साल जगह-जगह गणपति प्रतिमाओं की स्थापना हो रही है. 31 को गणेश चतुर्थी का पहला दिन है. जिसकी तैयारी के लिए 30 अगस्त की शाम से ही शहर और उप नगरीय क्षेत्रों में उत्सव जैसा माहौल है. मुख्यालय स्थित मूर्तिकारों के दुकानों से लोग अपने अपने पसंद की गणेश प्रतिमा है कि खरीदी कर वाहनों के जरिए पंडाल तक ले जा रहे हैं. इस दौरान साज सज्जा की दुकानें और पंडालों का भी निर्माण किया जा रहा है. जिले में उत्सव जैसा माहौल है. Ganesh Chaturthi 2022
Ganesh Chaturthi 2022 दो साल बाद गणेश चतुर्थी पर बाजार में लौटी रौनक
कोरबा में 2 साल बाद गणेश चतुर्थी पर बाजार में रौनक लौट आई है. 31 को गणेश चतुर्थी का पहला दिन है. जिसकी तैयारी के लिए 30 अगस्त की शाम से ही शहर और उप नगरीय क्षेत्रों में उत्सव जैसा माहौल है. Ganesh Chaturthi 2022
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जिलेभर में सैकड़ों पंडाल:कोरबा शहर और उपनगरी क्षेत्र जैसे बालको, जमनीपाली, दीपका, कुसमुंडा, दर्री, कटघोरा जैसे इलाकों को मिलाकर ऐसे सैकड़ों स्थान हैं, जहां गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है. शहर के पावर हाउस रोड और सीतामणी में शहर के सबसे बड़े और भव्य पंडाल मौजूद हैं. जिसकी लागत लाखों रुपए में है. कई स्थानों पर कोलकाता जैसे दिगर प्रांतों से भी पंडाल सजाने के लिए कारीगर बुलाए गए हैं.
कुछ समितियोम को चंदे का टेंशन :दरअसल कोरोना वायरस के बाद यह पहला अवसर है. जब 2 साल बाद गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जा रही है. सार्वजनिक समिति के युवा खुलकर चंदा भी लोगों से ले रहे हैं. समिति के सदस्य वैभव ने बताया कि "चुंकि कोरोना वायरस बाद कई लोग मंदी से गुज़र रहे हैं। इसलिए हमें चंदे की भी टेंशन है। जो लोग पहले ज्यादा राशि में चंदा दिया करते थे। वह इस वर्ष काफी कम चंदा दे रहे हैं। हालांकि बीते 2 वर्ष के बाद हम गणेश पूजा मना रहे हैं। इसकी हमें खुशी है। हम जोर शोर से हर्षोल्लास पूर्वक गणेश चतुर्थी मनाएंगे"।
कुछ पंडाल है दशकों पुराने :पावर हाउस रोड के सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति के अध्यक्ष झखेन्द्र देवांगन का कहना है कि "हमारा पंडाल जिले का सबसे भव्य पंडाल है. जिसका कुल बजट इस वराह लगभग 5 लाख रुपये के आसपास है. हमने मूर्ति और कारीगर कर दोनों ही राज्य के बाहर से मंगवाये हैं. हमारी थीम भी बेहद यूनिक है. यह हमारी समिति का 21 वां वर्ष है. जब हम गणेश प्रतिमा की स्थापना कर रहे हैं.
इस वर्ष अच्छा है व्यापार:गणेश की मूर्तियों को आकार देने कोलकाता से शहर पहुंचे मोहन का कहना है कि "बीते 2 वर्ष तो हमें काफी नुकसान हुआ. गणेश प्रतिमा बनाने की अनुमति नहीं थी. लेकिन इस साल सार्वजनिक समिति के लोग अच्छी खासी संख्या में मूर्ति खरीदने पहुंच रहे हैं. अच्छा व्यापार हुआ है. मूर्तियों का परिवहन 31 अगस्त की देर शाम तक जारी रहेगा. एक तारीख से सभी स्थानों पर भगवान गणेश पूरी तरह से स्थापित होकर आने वाले 9 दिनों तक पंडालों में विराजमान रहेंगे.