कोरबाः बीते एक सप्ताह से वन मंडल बालको रेंज के अजगरबहार क्षेत्र के जंगलों में भीषण आग धधक रही थी. प्राकृतिक संपदा को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की संभावना बनी हुई थी. वहीं वन विभाग ने दावा किया है कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है. वन कर्मियों ने दिन रात मेहनत करके आग बुझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
छत्तीसगढ़ में वन संपदा को सुरक्षित रखने के लिए फॉरेस्ट मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (FMIS) की ओर से रिमोट सेंसिंग के जरिए वनमंडलों को सूचना दी जाती है. सैटेलाइट के जरिए आग लगने की जानकारी वन अधिकारियों को पहले ही दे दी जाती है. जिसके बाद अग्रिम तैयारी करनी होती है. मौजूदा मामले में भी (FMIS) ने कोरबा वनमंडल को आग लगने की सूचना दी थी. लेकिन सुदूर क्षेत्र और घनघोर वनों के कारण आग पर काबू पाना वन अमले के लिए बड़ी चुनौती रहती है.
प्रत्येक बीट में एक फायर मैन की तैनाती
कोरबा जिले में 40 प्रतिशत क्षेत्र वनों से ढका हुआ है. जिले का काफी बड़ा भाग घने जंगलों से घिरा हुआ है. ऐसे में प्रत्येक बीट में वन अमले के पास एक फायर मैन की तैनाती होती है. इनके अलावा (FMIS) से मिली इनपुट पर वन अफसर काम करते हैं. लेकिन इस तरह की आग लगने से अग्नि प्रहरी भी खुद को असहाय महसूस करता है. वन अमले के पास पर्याप्त संसाधन नहीं होते. जिससे तत्काल आग पर काबू पाया जा सके. जिसके कारण आग कई बार भयावह रूप ले लेती है.
वन मंडल कोरबा के जंगलों में भीषण आग, ग्राउंड जीरो पर पहुंचा ETV भारत