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कोरबा: रकबा में कटौती किसानों के लिए बनी परेशानी, कर्ज चुकाने को लेकर सता रही चिंता

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी की जा रही है. ऐसे में किसान भारी संख्या में धान खरीदी केंद्र पहुंच रहे हैं, लेकिन रकबा में कटौती के कारण किसान महज आधा धान ही बेच पा रहे हैं. ऐसे में किसानों में निराशा है. किसानों का कहना है कि बैंक से कर्ज लिए हैं, उसे अब कैसे चुका पाएंगे.

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रकबा में कटौती किसानों के लिए बनी परेशानी

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Published : Dec 10, 2020, 3:47 AM IST

कोरबा:करतला के कोथारी ग्राम पंचायत के धान मंडी में पटवारियों ने पंजीकृत किसानों का रकबा घटा दिया है. इसके कारण खरीदी केंद्रों से धान लेकर उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. इस बात को लेकर किसानों और खरीदी केंद्र के कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है. किसान जितना धान बेचने लेकर खरीदी केंद्र से पहुंच रहे हैं, वह उतना बेच नहीं पा रहे हैं. कोथारी सेवा सहकारी केंद्र अंतर्गत करीब 60 हेक्टेयर रकबे में कटौती हुई है.

रकबा में कटौती किसानों के लिए बनी परेशानी

कोथारी समिति अंतर्गत करीब 60 हेक्टेयर भूमि का रकबा घटने की जानकारी है. अभी रकबा घटने की जानकारी ज्यादार किसानों को पहले से नहीं है. ये सूची सीधे संबंधित सोसायटियों को दी गई है. जब किसान केंद्र पहुंच रहे हैं, तब उन्हें इसकी जानकारी हो रही है. जानकारी के मुताबिक कोथारी सेवा सहकारी केंद्र अंतर्गत करीब 60 हेक्टेयर रकबे में कटौती हुई है.

रकबा में कटौती किसानों के लिए बनी परेशानी

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किसान ने 40 हजार लिए बैंक से उधार

इस बार पटवारियों ने उनके धान का रकबा करीब 20 प्रतिशत घटा दिया है. रकबा घटाने के कारण वे अपना धान पूरा नहीं बेच पा रहे हैं. इस वजह से किसानों में काफी नाराजगी है. किसानों को केंद्र तक धान लेकर जाने और फिर वापस उसी धान को घर लाने के 1000 रुपये तक भाड़ा देना पड़ रहा है. ग्रामीण किसान मंगल सिंह का यह कहना है कि उसके पास 8 एकड़ जमीन है. उसी 8 एकड़ की फसल के एवज में बैंक से 40 हजार रुपये खेती करने के नाम से उधार लिया है. अब किसान मंगल सिंह को बैंक का उधार पैसा चुकाने को लेकर चिंता सता रही है.

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कर्ज चुकाने को लेकर किसानों की बढ़ी चिंता

मंगल पहले 108 क्विंटल धान बेचता था, लेकिन अब रकबा कम होने के कारण मंगल सिंह 35 क्विंटल धान बेच पा रहा है. ऐसे में वह बैंक से उधार लिए पैसे को भी नहीं चुका पाएगा. मंगल सिंह का कहना है कि अगर बैंक का उधार नहीं चुका पाऊंगा, तो मेरे को आत्महत्या करना पड़ जाएगा. इसी तरह से किसान बंधन सिंह भी अपनी तकलीफ को बताया. उसने भी बैंक से खेती करने के लिए 40 हजार रुपये उधार लिया है. बैंक से लिए कर्द को कैसे अदा कर पाएंगे.

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