कोरबा: एक फरवरी को केंद्रीय बजट आ रहा है. इस साल बजट से कोरबा जिले के खदानों में काम कर रहे कर्मचारियों और कोयला उद्योग में से जुड़े व्यवसायियों को बड़ी उम्मीदें हैं. बजट में कमर्शियल कोल माइनिंग का भी असर दिख सकता है. कमर्शियल कोल माइनिंग के तहत सरकार इससे जुड़े लोगों के हित में भी कई फैसले ले सकती है.
कोल खदानों में काम करने वाले कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि सरकार मजदूरों के प्रति थोड़ी नरमी बरते और बंद खदानों को चालू कराया जाए. इसके अलावा जो जमीन अबतक कोल इंडिया लिमिटेड के पास नहीं आई है, उसकी प्रक्रिया पूर्ण करा नए खदानों को भी शुरू करे, जिससे जिले में रोजगार के और नए अवसर पैदा हो.
183 मिलियन टन उत्पादन का टारगेट
मौजूदा वित्तीय वर्ष में एसईसीएल के पास 183 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट तय किया गया था. जिसे कम कर अब 172 मिलियन टन किया गया है. 27 जनवरी तक SECL की जिले में संचालित प्रमुख खदानों और अन्य कोयला खदानों को मिलाकर 104 मिलन टन कोयले का उत्पादन पूरा कर लिया गया है. हर साल SECL को कोयला उत्पादन का लक्ष्य बढ़ा दिया जाता है. कमर्शियल माइनिंग के बाद और भी तेजी से उत्खनन की तैयारी है.