कोरबा:मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ सीएम (Chhattisgarh CM) का मुद्दा बहस का बना हुआ है. इस बीच प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर (Former Home Minister Nankiram Kanwar) ने आने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के लिए भाजपा की ओर से खुद सीएम पद (CM post) का दावेदार बताया. ETV भारत से पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में मेरा चेहरा क्यों नहीं हो सकता और मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री (Chief Minister) क्यों नहीं हो सकता? ETV भारत से बात करते हुए ननकीराम कंवर ने कहा कि 'मेरे नेता मुझे बताएं ननकीराम ने वर्तमान परिवेश से लेकर हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखी है.यह भी कहा कि प्रदेश में जो कुर्सी की लड़ाई चल रही है. वह वास्तव में स्वार्थ की लड़ाई है और इसी स्वार्थ के कारण कांग्रेस खत्म हो जाएगी. भविष्य में बमुश्किल एक दो राज्य में ही कांग्रेस की सत्ता बचेगी या फिर वहां से भी इनका पत्ता साफ हो जाएगा.
कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा से बीजेपी विधायक और पूर्व गृहमंत्री रह चुके ननकीराम कंवर की ईटीवी भारत से खास बातचीत....सवाल- देश के वर्तमान सियासत और घमासान के विषय में आप क्या सोचते हैं?
जवाब-कांग्रेस का हर कार्यकर्ता अपने स्वार्थ में लिप्त है. सभी अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए काम कर रहे हैं. मेरे विधानसभा क्षेत्र करतला में सिर्फ इसलिए कांग्रेसियों ने बैठक की कि मैंने जिस बिल्डिंग का भूमि पूजन किया है. उसका निर्माण ना किया जाए. उसकी जगह एक अन्य बिल्डिंग बनाया जाए, जिसका ठेका उन्हें दे दिया जाए. लालच इतनी बढ़ गई है जिसका कोई हिसाब नहीं है, मैं तो दावा करता हूं कि इस सरकार को भंग कर दिया जाना चाहिए. मैंने राज्यपाल को पत्र भी लिखा है कि वर्तमान के कांग्रेसी सरकार को भंग कर दें. उनसे फिर चर्चा भी हुई है, राज्यपाल ने मुझे कहा है कि मैंने आपके पत्र को दिल्ली प्रेषित कर दिया है.
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सवाल- प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे, या नया सीएम मिलेगा?
जवाब- देखिए मैं तो कहता हूं कि यह सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है. जनता भी यह समझ चुकी है कि सरकार चलाना इनके बस की बात नहीं है. केंद्र के पैसों को भी यह मनमाने तरह से खर्च कर रहे हैं. अपने स्वार्थ के लिए केंद्र सरकार के पैसा को खर्च किया जा रहा है. किसी भी पंचायत को अब तक राहत मद का पैसा नहीं मिला है. जो कि वित्त आयोग से जारी किया जाता है.गौठान के पास इनके लिए बजट नहीं है, बावजूद इसके हर पंचायत में गौठान बना दिया गया है. वह भी केंद्र सरकार द्वारा दिए गए मनरेगा के फंड से, पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है. वर्तमान में कुर्सी की लड़ाई चल रही है, वह अपने स्वार्थ के लिए ही आपस में लड़ रहे हैं और इनके इसी स्वार्थ के कारण कांग्रेस समाप्ति के कगार पर पहुंच गई है. आने वाले समय में बमुश्किल 1 या 2 राज्यों में कांग्रेस की सरकार बचेगी, यही हाल रहा तो कांग्रेस का पत्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा.
सवाल- हाल ही में एक वाकया हुआ, जहां यह कहा गया कि हम सिंहदेव के समर्थक हैं, इसलिए हम पर कार्रवाई हो रही है, क्या भाजपा में कभी ऐसा हुआ? एक गुट के हावी होने के बाद दूसरे गुट पर कार्रवाई हुई हो?
जवाब- देखिये बीजेपी ने 15 साल तक शासन किया और पूरा कार्यकाल में काबिले तारीफ रहा था. लेकिन सरकार बदलने का कारण भी मैं आपको बताता हूं, मैंने पार्टी फोरम पर भी इस बात को कहा है मेरे पार्टी के एक नेता बोल नहीं पाए थे. लेकिन मैंने बोला चंद्राकर जइबसे अक्सर इस विषय में चर्चा होती है मैंने उनसे भी पूछा था लेकिन उन्होंने कहा कि आपको मालूम है. मैं जब भी मंत्री था तब पूरे प्रदेश में महिलाएं शराबबंदी को लेकर आंदोलित थी. मैं उनसे साफ तौर पर कहता था कि यह मुख्यमंत्री स्तर का निर्णय है. उनका विषय है लेकिन मैं यह भी कहता था कि इस विरोध प्रदर्शन में मैं आपके साथ हूं. मेरा उन्हें समर्थन था और इन महिलाओं ने कांग्रेसियों की मदद की, किसी का चेहरा नहीं लेकिन आप महिला कह सकते हैं.आपको यह भी बता दूं कि जब मुख्यमंत्री की कुर्सी रमन सिंह को मिली थी, तब अकेला मेरा प्रस्ताव था. तत्कालीन पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने मुझसे पूछा कि कैसे मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, मैंने अपना नाम प्रपोज किया, उन्होंने यह कहा कि आपके अलावा और कौन हो सकता है. मैंने रमन सिंह का नाम लिया था इसके बाद उन्होंने किसी से नहीं पूछा और फिर रमन सिंह मुख्यमंत्री बन गए. लेकिन हमारी पार्टी में ऐसा कभी नहीं हुआ कि कलह बाहर आई हो. हां मनमुटाव रहता था कहीं ना कहीं स्वार्थ तो रहता ही है. लेकिन वह पार्टी के अंदर था कलह कभी बाहर नहीं आई.