कोरबा:कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास, किसान बिल का विरोध, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रदेश में चल रहे अवैध कार्यों को लेकर ईटीवी भारत से छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने खास बातचीत की है. मंत्री ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रदेश सरकार के इंतजामों के अलावा बेबाकी से सभी सवालों के जवाब दिए हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अवैध काम करने वालों को 1 दिन इसकी भरपाई जरूर करनी होगी.
सवाल: प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, इससे निपटने प्रदेश सरकार के पास क्या इंतजाम हैं?
जवाब:कोरोना के मरीज प्रदेश में ही नहीं पूरे भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहे हैं, लेकिन आपने एक बात गौर की होगी कि शुरुआत में जब कोरोना का संक्रमण अपने पांव पसार रहा था. तब छत्तीसगढ़ काफी सुरक्षित था. इसके बाद करीब 6 लाख प्रवासी मजदूर अन्य प्रदेशों से छत्तीसगढ़ में आए हैं. सब अपने-अपने गांव पहुंच गए. इसके बाद संक्रमण में भी तेजी आई है. प्रदेश सरकार के पास इससे निपटने के लिए पूरे इंतजाम हैं. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अस्पतालों को बढ़ावा दिया जा रहा है. कई निजी अस्पताल भी खोले गए हैं. कई होटलों को कोविड-19 सेंटर में कन्वर्ट किया गया है. मैंने स्वयं एक और निजी अस्पताल का उद्घाटन किया है. अतिरिक्त सुविधा के साथ ही कई तरह की सुविधाएं हमारे पास पर्याप्त हैं.
सवाल: निजी अस्पताल इसे अवसर के तौर पर तो नहीं देख रहे, ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं?
जवाब: इस बात को समझना होगा जब किसी परिवार में कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो जाता है, तब माहौल अजीब हो जाता है. अन्य लोगों को इससे तकलीफ होती है, घर में नौकर हैं तो उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. क्वॉरेंटाइन या आइसोलेट होने में कई तरह की दिक्कतें होती है. कई होटलों को कन्वर्ट किया गया है और सभी अस्पतालों के अलग-अलग पैकेज हैं. ऐसा नहीं है कि महंगे इलाज कराने ही होंगे. सस्ते होटल भी हैं. जहां आप जा सकते हैं. इसके साथ सरकारी सुविधाएं भी मौजूद हैं. निजी अस्पतालों और होटल को कोविड-19 सेंटर बनाने को मैं गलत नहीं मानता. बल्कि यह एक तरह की सुविधा ही है. इससे व्यक्ति के पास विकल्प है, वह चाहे तो सरकारी में भी अपना इलाज करा सकता है. हर तरह के पूरे इंतजाम किए गए हैं.
सवाल: विपरीत परिस्थितियों में एनएचएम के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, इसे किस तरह से देखते हैं?
जवाब:संकट की घड़ी में किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को सहयोग करने की जरूरत होती है. उन्हें संयम बरतना चाहिए. हाल ही में आपने देखा होगा कि 16 हजार शिक्षाकर्मियों का सरकार ने संविलियन किया है. लाभ सभी को मिलेगा, लेकिन संकट की घड़ी में यदि कोई सरकार पर दबाव बनाना चाहे और मजबूरी में कोई फैसला करवाना चाहें, तो यह संभव नहीं है. ऐसा नहीं करना चाहिए. सभी काम होंगे कुछ गुण दोष के आधार पर होंगे. कुछ आवश्यकता के आधार पर होंगे. लेकिन सभी के मांगों का निराकरण किया जाएगा.