कोरबा: सरकार के एक फैसले के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए कोरबा में कुछ अफसरों ने अनोखा तरीका अपनाया है. कोरोना काल को देखते हुए अफसर काम पर पहुंचे और काली पट्टी बांधकर विरोध किया.
राज्य सरकार ने पिछले दिनों डिप्टी कलेक्टरों के पदों में प्रमोशन और सीधी भर्ती के बीच अनुपातिक अंतर को कम करने का फैसला किया था. इससे पहले जहां राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की भर्ती 60 फीसदी प्रमोशन और बाकी 40 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान था. सरकार ने इस नीति में बदलाव करते हुए अब प्रमोटेड पदों का अनुपात 40, जबकि डायरेक्ट रिक्रूट 60 प्रतिशत कर दिया है, इसे लेकर अफसरों में नाराजगी है.
शनिवार को कटघोरा तहसील कार्यालय में भी कर्मचारियों का विरोध देखने को मिला है. तहसीलदार रोहित सिंह और नायब तहसीलदार रविकान्त राठौर के साथ जिले के अलग-अलग अनुविभागों के तहसीलदार संवर्ग के अधिकारी काली पट्टी बांधकर दफ्तर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक यह सांकेतिक प्रदर्शन 31 जुलाई तक चलता रहेगा. इसे शासन पर फैसले में बदलाव के लिए दबाव बनाने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है.
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प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के प्रतिनिधि संगठन छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राज्य सरकार को तीन पन्नों का खत लिखकर तत्काल प्रस्तावित संशोधन के फैसले को वापस लेने की मांग की है. अपने खत में उन्होंने बिंदुवार तरीके से अपनी आपत्तियों को सामने रखा था. संघ के पदाधिकारियों ने सरकार को इस फैसले की बेहतरी के लिए कुछ अन्य रास्ते भी सुझाए थे. साथ ही शुरुआती दौर में इस फैसले के सांकेतिक विरोध की बात कही थी.