कोरबा: शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर गणवेश मिलने के मामले में ETV भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. जांच में क्लर्क को दोषी पाया गया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि जांच रिपोर्ट मिल गई है, जल्द कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा विभाग ने मामले की जांच कराई थी, जिसमें बाबू को दोषी पाया गया है. ETV भारत ने 10 जून को आप तक ये खबर सबसे पहले पहुंचाई थी.
'बाबू के घर में मिला स्कूल ड्रेस ही नाले में बहाया'
DEO सतीश पांडेय ने बताया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी के बाबू के घर स्कूल ड्रेस मिलने का मामला मीडिया के जरिए सामने आया था. जिसके बाद जांच टीम बनाकर बाबू के घर में दबिश दी गई. इस दौरान बच्चों के स्कूल ड्रेस और दूसरी सामग्री घर में नहीं मिली. पूरी चीजें हटा दी गई थी. बाद में जांच में पता चला कि बाबू के घर में मिला गणवेश ही नकटीखार के नाले में बहा दिया गया था. सतीश पांडेय ने कहा कि जांच रिपोर्ट आ गई है. जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि नाले में मिले स्कूल ड्रेस 5 साल पुराने हैं. जिसे स्व सहायता समूहों की तरफ से बनाकर दिए गए थे. जो बांटने के बाद बच गए थे.
नाले में बहते मिले थे गणवेश
कोरोबा शिक्षा विभाग की दो बड़ी लापरवाहियों की खबर ETV भारत ने आपको दी थी. 10 जून को ETV भारत ने स्कूल ड्रेस की बर्बादी और शिक्षा विभाग की लापरवाही का मुद्दा उठाया था. वहीं शहर से लगे गांव नकटीखार के नाले में बहते हुए भी ड्रेस पाए जाने की जानकारी भी हमने सबसे पहले आपको दी थी. डीईओ ने कहा कि नाले में मिले गणवेश वही हैं, जो क्लर्क के घर मिले थे. स्कूल ड्रेस मामले में लापरवाही उजागर होने के बाद कोरबा कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी थी. नाले में स्कूल ड्रेस बहने की खबर मिलते ही बीईओ संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी नकटीखार के नाले पहुंची ती. यहां से नाले में बहते हुए स्कूल ड्रेस को पंचनामा बनाकर जब्त किया गया.
बीईओ ने ETV भारत से कही थी जांच की बात
कोरबा में गरीब बच्चों को शत-प्रतिशत गणवेश का वितरण बताया गया था. लेकिन शहर के दादर स्थित विकास खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ बाबू धीरज आर्या के मकान में सैकड़ों की तादाद में गरीब बच्चों के गणवेश कचरे की तरह डंप किए मिले थे. मामला उजागर होते ही क्लर्क ने कहा था कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने जांच की बात कही थी.