कोरबा: स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बना रहता है. इस बार मामला सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को बांटे जाने वाले मुफ्त ड्रेस (free school dress) को लेकर फंस गया है. 1 दिन पहले ETV भारत ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer) के कार्यालय में पदस्थ एक क्लर्क के निर्माणाधीन मकान में गणवेश कचरे की तरह डंप किए जाने के मामले को उजागर किया था. अब एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है. जिसके अनुसार जिले के शिक्षा विभाग ने अब से लगभग 6 महीने पहले कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत (Korba MP Jyotsna Mahant) की अध्यक्षता में हुई बैठक में झूठी और भ्रामक जानकारी पेश की थी.
सांसद को बताया कि ड्रेस बांटे जा चुके हैं
जिला स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है. साल में दो बार इसकी बैठक होती है. जिसमें बतौर अध्यक्ष सांसद शामिल होते हैं. कोरबा की वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत जो कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की पत्नी भी हैं. उनकी अध्यक्षता में 19 नवंबर 2020 को दिशा की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों को बांटे जाने वाले मुफ्त गणवेश (स्कूल ड्रेस) की जानकारी पेश की थी. जिसके मुताबिक जिले में 1 लाख 48 हजार 683 गणवेश का वितरण किया गया. शत प्रतिशत गणवेश का वितरण किया जाना बताया गया है. अतिरिक्त गणवेश की जरूरत नहीं है यह जानकारी भी सांसद को दी गई है.
EXCLUSIVE: सरकारी स्कूलों में बच्चों को बांटी जाने वाली ड्रेस शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर में मिली
जब बांट दिए गणवेश तो बाबू (क्लर्क) के यहां ड्रेस कैसे मिले ?