कोरबा: कोरोना काल ने हर तबके के लोगों को प्रभावित किया है. इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों की शिक्षा-व्यवस्था पर पड़ा. लॉक डाउन से लेकर अब तक बच्चों की शिक्षा व्यवस्था सटीक रूप से सुचारू नहीं हो पाई है. ऐसे में प्रदेश भर के करीब सवा लाख शिक्षक हड़ताल पर (Chhattisgarh teacher strike) हैं तो कई सामूहिक छुट्टी पर. रायपुर में चल रहे शिक्षकों के आंदोलन के बाद प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था (Teachers on strike in Chhattisgarh for 15 days) बेपटरी हो गई है.
सहायक शिक्षकों की नियुक्ति पहली से पांचवीं तक के प्राथमिक स्कूलों में ही होती है. अब इन नौनिहालों को पढ़ाने वाला स्कूल में कोई नहीं है. लेकिन कोरबा जिले के बच्चों ने जब देखा कि स्कूल में शिक्षक (teachers went on strike in korba) नहीं हैं तब वो खुद चॉक और डस्टर हाथ में लेकर एक-दूसरे के टीचर बन गए और अपने सहपाठियों को पढ़ाना शुरू कर ( Korba children become teachers themselves)दिया.
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जिले के कोरबा ब्लॉक की प्राथमिक शाला अंधरीकछार, जहां पहली से पांचवीं तक की कक्षा लिए कुल 7 शिक्षकों की नियुक्ति है. लेकिन वर्तमान में यहां केवल एक शिक्षिका कुंती दुबे ही मौजूद हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान शिक्षिका कुंती दुबे ने बताया कि पांच कक्षाओं के लिए 7 शिक्षकों को स्कूल में नियुक्त किया गया है, जिसमें 5 हड़ताल पर हैं जबकि एक मेडिकल लीव पर. स्कूल में केवल मैं बची हूं और 5 कक्षाएं हैं. मैं प्रयास तो करती हूं कि बच्चों को पूरा समय दे पाऊं, लेकिन अकेले 5 कक्षाओं को सम्भाल पाना नामुमकिन है.
एक कैंपस वाले स्कूल में है थोड़ी राहत
कुछ ऐसे भी स्कूल हैं, जहां एक ही कैंपस में प्राथमिक और मिडिल स्कूल की कक्षा चलती है. ऐसे स्कूलों में कम शिक्षक रहने पर भी कुछ हद तक ठीक रहता है. हालांकि अलग-अलग कैंपस वाले स्कूलों में स्थिति बद से बदतर है. लेकिन ऐसे स्कूलों की संख्या सीमित है. इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने बताया कि जहां स्कूल पूरी तरह से बंद है. वहां वैकल्पिक तौर पर मिडिल स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. उन्हें प्राइमरी स्कूल में भी अध्यापन का कार्य सौंपा गया है. हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि फिलहाल शासन से इस विषय में कोई भी निर्देश नहीं मिला है.
स्कूलों में बच्चों ने संभाली पढ़ाई की कमान