कोरबा: रविवार को गुरमा गांव के एक किसान के आंगन में पाए गए बीमार हाथी का रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. 3 दिनों तक लगातार इलाज के बाद भी हाथी अपने पैरो पर खड़ा नहीं हो पा रहा है. हालांकि वन अमला यह उम्मीद जता रहा है कि हाथी की हालत खतरे से बाहर है और लगातार सुधार हो रहा है, जिसे वह बचा लेंगे. हाथी को खड़ा करने के लिए क्रेन की मदद भी ली जा रही है.
बता दें कि कोरबा वनमंडल के गुरमा के आश्रित गांव कठारडेरा में किसान के घर पाए गए हाथी की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. रायपुर से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की मदद से हाथी के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग को उम्मीद है कि हाथी को बचा लिया जाएगा. कोरबा वनमंडल के गुरमा गांव स्थित कठारडेड़ा में किसान के घर में पाए गए बीमार हाथी का इलाज अभी भी जारी है.
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट कर रहे हाथी की निगरानी
रायपुर से वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट राकेश वर्मा और उनकी टीम मौके पर पहुंच गई है, जो हर 2 घंटे में हाथी के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं. वहीं नियमित अंतराल पर ग्लूकोज देने के बाद हाथी के शरीर के तापमान और सांस की गति पर नजर रखी जा रही है. वन विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक बीमार हाथी की उम्र 8 से 10 साल के बीच है. इस लिहाज से उसके जल्द ठीक होने की उम्मीद जताई जा रही है.
गजराज को कहीं भी शिफ्ट करने की योजना नहीं
हाथी के रेस्क्यू में क्रेन को मौके पर देखकर ऐसी अफवाह थी कि हाथी को ट्रक के माध्यम से दूसरे जगह पर शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन डीएफओ गुरुनाथन ने बताया कि ऐसे हालात में हाथी को कहीं भी शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है. गुरमा में ही हाथी का इलाज किया जा रहा है. विशेषज्ञों की टीम मौके पर मौजूद है. वहीं क्रेन के माध्यम से हाथी को खड़ा करने की लगातार कोशिश की जा रही है.