कोरबा: हर साल नगर निगम के बजट में शहर की संपत्तियों के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये आवंटित किए जाते हैं, बावजूद इसके जिले के चौक-चौराहों पर स्थापित मूर्तियों की दशा बेहाल है.
पहले लाखों की लागत से मूर्तियों को स्थापित कर चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण किया गया. इसके बाद हर साल उन्हीं मूर्तियों पर फिर लाखों का बजट बनाकर सौंदर्यीकरण की बात की गई, लेकिन लाखों रूपये से बनी ये मूर्तियां कहीं पर टूटी पड़ी हैं, कहीं बेरंग हो चुकी हैं तो कहीं मूर्तियों के आसपास सिर्फ गंदगी पसरी है.
पार्षदों ने लगाया निगम अधिकारियों पर आरोप
नगर निगम में विपक्ष में बैठे पार्षदों ने निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'ये लोग सौंदर्यीकरण के नाम पर निगम क्षेत्र की मूर्तियों को चमकाने के बजाय इन पैसों से अपने घर को चमका रहे हैं.' पार्षद शिव अग्रवाल ने कहा कि, 'अधिकारियों के साथ निगम के सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि भी दोषी हैं.'
'अधिकारियों से किया जाएगा जवाब तलब'
निगम की सत्ता में बैठी कांग्रेस का कहना है कि, 'महापुरुषों की मूर्तियों में अगर कहीं भी लापरवाही हो रही है तो इसके लिए अधिकारियों को जवाब तलब किया जाएगा.' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, 'कांग्रेस के निगम में शासनकाल से पहले भाजपा के शासनकाल में लगी करोड़ों की मूर्तियां भ्रष्टाचार की निशानी हैं और इसे हम गलत मानते हैं.'
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि, 'मूर्तियों के रखरखाव के लिए एजेंसी नियुक्त है. एजेंसी का काम मूर्तियों का रखरखाव करना है, लेकिन अगर काम में लापरवाही हो रही है तो उसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी'.