कोरबा: डायल 112 प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. लोग आपात स्थिति में डायल 112 से मदद लेते हैं. बीते साल डायल 112 वाहन 46 हजार से भी अधिक मामलों में इन्वॉल्व रही. महिला संबंधित अपराधों से लेकर सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने तक के लिए डायल 112 की मदद ली गई है.
डायल 112 ने 46 हजार लोगों को पहुंचाई मदद डायल 112 आपातकालीन स्थिति में लोगों की मदद करती है. शहरी इलाकों में रिस्पांस टाइम 10 मिनट है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्पांस टाइम आधे घंटे का है. इस अवधि में ही सेवा लोगों तक पहुंचने की कोशिश होती है. मौके की नजाकत को देखते हुए त्वरित निराकरण के साथ ही प्रकरण को थानों तक भी पहुंचाया जाता है.
फेक कॉल की भरमारडायल 112 के माध्यम से एक तरफ जहां लोगों को मदद मिल रही है. वहीं दूसरी ओर फेक कॉल की भी भरमार है. कई बार लोग डायल 112 की टीम को गलत जानकारी देकर गुमराह करते हुए पाए गए हैं. जिससे अनावश्यक तौर पर विभाग का समय नष्ट होता है.
किन प्रकरणों का हुआ निपटारा- सड़क दुर्घटना-4208
- न्यूसेंस- 3265
- शारीरिक अपराध- 3694
- महिला संबंधित अपराध- 2815
- संपत्ति संबंधित अपराध- 322
- पुलिस से संबंधित अन्य प्रकरण- 15172
- मेडिकल प्रकरण- 16884
- फायर प्रकरण- 355
- कुल योग- 46715
24 घंटे रहते हैं तैनात
डायल 112 के प्रभारी रुबेन कुजूर का कहना है कि 'डायल 112 की टीम 24 घंटे मुस्तैद रहती है. लोगों तक मदद पहुंचाई जाती है. आपात स्थिति में लोग लगातार 112 का नंबर डायल कर मदद लेते हैं.