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CAA से नहीं छिनेगी किसी की नागरिकता: धरमलाल कौशिक - CAA support

CAA को लेकर कौशिक ने सीधे कांग्रेस पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि यह कानून धर्म के आधार पर प्रताड़ना झेलने वालों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है, किसी से नागरिकता छीनने के लिए नहीं इसलिए किसी को भी डरने की आवश्यकता नहीं है. यह कानून सिर्फ प्रताड़ितों को नागरिकता देने के लिए है.

Dharamlal Kaushik defended CAA in korba
धरमलाल कौशिक ने किया CAA का बचाव

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Published : Jan 1, 2020, 7:43 AM IST

कोरबा: CAA के कानून का लगातार विरोध देखते हुए इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के इरादे से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें CAA के विरोध में भ्रम फैला रही हैं. अब यह कानून बन चुका है. लोगों को इसे पढ़ना चाहिए, जिससे कि भ्रम दूर हो सके.

धरमलाल कौशिक ने किया CAA का बचाव

CAA को लेकर कौशिक ने सिधे कांग्रेस पर प्रहार किया साथ ही कहा कि यह कानून धर्म के आधार पर प्रताड़ना झेलने वालों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है, किसी से नागरिकता छीनने के लिए नहीं इसलिए किसी को भी डरने की आवश्यकता नहीं है. यह कानून सिर्फ प्रताड़ितों को नागरिकता देने के लिए है.

प्रदेश सरकार पर निशाना
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कोरबा में बीजेपी को सर्वाधिक सीटें मिली हैं. इसलिए यहां के नगर निगम में बीजेपी का ही महापौर बनेगा.कांग्रेस खरीद-फरोख्त में लगी है लेकिन वह कामयाब नहीं होंगी. महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से कराया गया होता तो परिणाम कुछ और होते कई नगर निगम में आज बीजेपी के महापौर बन चुके होते. कांग्रेस को खुद पर भरोसा नहीं था. इसलिए उन्होंने बैलेट पेपर से अप्रत्यक्ष निर्वाचन चुनाव प्रणाली से महापौर का पद चुने जाने का नियम लाया. अब वह जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त में लगी हुई हैं.

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प्रदेश के किसान हैं परेशान
धरमलाल कौशिक ने धान खरीदी प्रणाली को लेकर भी सवाल उठाए यह भी कहा कि राज्य बनने के बाद से अपना धान बेचने के लिए किसान जितना परेशान नहीं हुए उतना वह इस बार हो रहे हैं. राज्य सरकार किसानों से छल कर रही है. पहले 2500 रुपये में धान खरीदने को कहा, अब 1800 रुपए में खरीद रहे हैं. ऐसे में कई किसान हैं, जिन्हें सोसाइटी से वापस लौटाया जा रहा है. जिनके पास 5 एकड़ खेत है उनके 4 एकड़ का धान ही खरीदा जा रहा है. प्रदेश के किसान बेहद परेशान हैं.

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