कोरबा : अनाथ आश्रम से बेटी की शादी के बाद डोली उठे यह बेहद कम देखने को मिलता है. लेकिन कोरबा में ऐसा हुआ है. जिले के रामपुर स्थित बालिका गृह में सुमति सामुदायिक विकास संस्था (Sumati Community Development Organization) द्वारा बालिका गृह का संचालन किया जाता है. जिसका नियंत्रण महिला एवं बाल विकास के हाथों में है. नियमत: 18 साल के बाद बालिकाओं को यहां नहीं रखा जा सकता. आफ्टर केयर के लिए 21 साल तक की अधिकतम सीमा होती है. रुद्राणी नाम की बालिका पिछले कई वर्षों से इसी बालिका गृह में निवासरत थी. जिसके माता-पिता नहीं है. इसी बीच रुद्राणी के लिए पड़ोसी जिले जांजगीर चांपा से एक रिश्ता आया.(daughter marriage in orphanage in korba)
कोरबा में अनाथालय से निकली बेटी की डोली, समाज के लिए बड़ा संदेश
सामान्य तौर पर बालिग हो जाने पर अनाथ आलय या बालिका गृह से मालिक होने के बाद आजाद छोड़ दिया जाता है. उन्हें रिश्तेदार या कहीं छोड़ दिया जाने का नियम है. ऐसे कम ही अवसर आते हैं. जब अनाथ आश्रम से किसी बेटी की डोली उठे और उसकी हस्ती का कोरबा में ऐसा ही हुआ है. जहां बालिका गृह में एक बेटी को मायके जैसा प्यार मिला.korba latest news
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समाज को देना चाहते हैं संदेश :शादी के बारे में दूल्हे के भाई सूरज प्रधान ने बताया कि "हमने पहले भी कई अनाथ आश्रम में लड़कियों के बारे में पता किया था. कोरबा के बालिका गृह में हमें अपने ही समाज की लड़की रुद्राणी मिल गई. हमने ही रिश्ता बालिका गृह भेजा था. जिसके बाद औपचारिकताएं पूरी करके रिश्ता तय हुआ और आज शादी हो रही है. हमें बेहद खुशी है कि यह रिश्ता हमारे साथ हुआ. हम समाज को एक बेहतर संदेश देना चाहते हैं कि जिन लड़कियों के माता-पिता नहीं हैं. जिनका दुनिया में कोई नहीं, उन्हें भी पूरा हक है कि वह समाज में बेहतर जीवन जी सकें. इस शादी से हम समाज को संदेश देना चाहते हैं".korba latest news