कोरबा:महिला एवं बाल विकास विभाग ने पोषण आहार वितरण के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है. उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण की तर्ज पर अब पोषण ट्रैकर एप में आंगनबाड़ी पहुंचने वाले बच्चों के साथ ही शिशुवती और गर्भवती महिलाओं का डाटा सेंड करना होगा. अधिकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर जल्द से जल्द डाटा फीड करने का दबाव बना रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके पास डाटा फीड करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. डाटा फीड नहीं होने पर संबंधित हितग्राहियों को पोषण आहार से वंचित कर दिया (Nutritious food distribution system became trouble in Anganwadi of Korba )जाएगा.
सहायिका को पता नहीं कैसे फीड होगा डाटा: पोषण आहार और इस नई व्यवस्था के विषय में ईटीवी भारत ने पड़ताल की. शहर के रिस्दी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में स्थिति बेहद चौंकाने वाली है. दरअसल, इस आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता का पद पिछले 5 सालों से रिक्त है. यहां सहायिका के तौर पर फूलबाई पदस्थ हैं. आंगनबाड़ी सहायिका के भरोसे ही संचालित किया जा रहा है. फूलबाई उतनी पढ़ी-लिखी नहीं है. उसे मोबाइल में डाटा फीड करने की कोई जानकारी नहीं है. फूलबाई ने बताया कि "अन्य केंद्र के पदस्थ आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता को यहां का प्रभार सौंपा गया है. वह 15 दिनों में एक बार यहां आती है. सारे दस्तावेज का काम वही करती है. मेरे पास स्मार्टफोन नहीं है. ना ही मुझे स्मार्टफोन चलाना आता है. बच्चों का डाटा मोबाइल में है.. कैसे दर्ज होगा? और विभाग के क्या निर्देश हैं? मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है."
ऐसे में वंचित हो सकते हैं बच्चे :शहर के रिस्दीकेन्द्र में कार्यकर्ता का पद रिक्त है. दूसरे केंद्र की कार्यकर्ता को यहां का प्रभार सौंपा गया है. लेकिन वह इस केंद्र में कब आएंगी और बच्चों का डाटा पोषण ट्रेकर एप में कब फीड होगा? इस विषय में किसी को भी जानकारी नहीं है. जिले में ऐसे कई केंद्र हैं, जो कनेक्टिविटी से दूर हैं. या फिर कार्यकर्ताओं का पद रिक्त है. ऐसे केंद्रों में पोषण आहार प्राप्त करने वाले हितग्राहियों का डाटा पोषण ट्रेकर एप में किस तरह से फीड किया जाएगा..ये एक बड़ा सवाल है?